हाइलाइट्स :
- छपरा सदर अस्पताल में अवैध बिचौलिए सक्रिय, मरीजों को ठगने का आरोप।
- बनियापुर की राजमती देवी से इलाज के नाम पर 60 हजार की ठगी।
- बिना सुधार के ही मरीज को वापस सदर अस्पताल भेजा गया।
- प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खेल।
- रेफर के नाम पर 10 हजार से 30 हजार तक में होता है सौदा।
सदर अस्पताल में सावधान रहें!
अगर आप छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं, तो सावधान रहें!
यहां कई अवैध लोग स्वास्थ्यकर्मी बनकर घूमते हैं, जो मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भेजने का खेल खेलते हैं।
इसका शिकार बनी बनियापुर निवासी राजमती देवी, जिन्होंने अपने घायल बेटे के इलाज के लिए सदर अस्पताल का रुख किया था,
लेकिन उन्हें एक निजी अस्पताल भेजकर 60 हजार रुपये ठग लिए गए।
कैसे हुई ठगी?
राजमती देवी ने बताया कि उनके बेटे की मारपीट में गंभीर चोट लगी थी,
जिसे लेकर वह सदर अस्पताल पहुंची थीं। लेकिन वहां मौजूद कुछ अज्ञात लोग
उन्हें राजेंद्र स्टेडियम के पास स्थित A-वन हॉस्पिटल ले गए।
इस निजी अस्पताल में उनसे 60 हजार रुपये कच्चे बिल पर वसूले गए, लेकिन
मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
अंततः, अस्पताल प्रबंधन ने बिना इलाज किए ही उन्हें एंबुलेंस से फिर सदर अस्पताल लौटा दिया।
तब जाकर राजमती देवी को असली सच्चाई पता चली।
मरीजों की खरीद-बिक्री का गंदा खेल
सूत्रों के अनुसार, छपरा सदर अस्पताल से मरीजों को रेफर करने का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है।
यहां मरीजों को 10 हजार से 30 हजार रुपये में निजी अस्पतालों को बेच दिया जाता है।
कई मरीजों को पटना के बड़े अस्पतालों में रेफर करने के नाम पर भी ठगा जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
- सवाल यह है कि आखिर सदर अस्पताल में ऐसा रैकेट कैसे फल-फूल रहा है?
- क्यों नहीं प्रशासन इन फर्जी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा?
- कब तक मरीजों को लूटने का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
‘न्यूज़ देखो’ इस मामले की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करता रहेगा।
यदि आप भी इस तरह की किसी ठगी के शिकार हुए हैं, तो हमसे संपर्क करें।