पलामू, झारखंड चुनाव 2024: छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। 1977 से अब तक इस क्षेत्र की जनता ने एक विधायक को छोड़कर किसी और को दोबारा मौका नहीं दिया है। राधाकृष्ण किशोर छत्तरपुर के एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें जनता ने पांच बार विधानसभा पहुंचाया, जबकि अन्य विधायकों को केवल एक ही बार जीत का मौका मिला।
छत्तरपुर विधानसभा का सफर और पहली जीत
छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1977 में हुई थी। पहली बार इस सीट से जोरावर राम ने जीत हासिल की और वह बिहार की तत्कालीन एकीकृत सरकार में मंत्री भी बने। इसके बाद, 1980 में कांग्रेस के टिकट पर राधाकृष्ण किशोर ने पहली बार जीत दर्ज की और फिर 1985 में लगातार दूसरी बार इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
किशोर की वापसी और छत्तरपुर की राजनीति
1990 में जनता दल के लक्ष्मण राम ने छत्तरपुर सीट से जीत हासिल की, लेकिन 1995 में राधाकृष्ण किशोर ने फिर से अपनी जीत के साथ वापसी की। हालांकि, 2000 में राजद के मनोज कुमार ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद, 2005 के चुनाव में किशोर ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर जीत दर्ज की। 2009 में सुधा चौधरी ने जदयू के टिकट पर जीत हासिल की और वह मंत्री भी बनीं।
2019 में पुष्पा देवी ने रचा नया इतिहास
2014 के चुनाव में राधाकृष्ण किशोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और फिर से छत्तरपुर सीट पर जीत दर्ज की। लेकिन, 2019 के चुनाव में भाजपा ने किशोर का टिकट काट दिया और उनकी जगह पुष्पा देवी को टिकट दिया, जिन्होंने इस चुनाव में जीत हासिल कर छत्तरपुर की विधायक बनीं। अब 2024 के चुनाव के लिए भी भाजपा ने पुष्पा देवी को उम्मीदवार बनाया है।
2024 चुनाव में रोमांच की संभावना
चर्चा यह भी है कि राधाकृष्ण किशोर महागठबंधन के प्रत्याशी हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो 2024 का चुनाव छत्तरपुर के लिए और भी ज्यादा रोमांचक हो जाएगा। अब तक के आंकड़ों को देखें, तो छत्तरपुर की जनता ने राधाकृष्ण किशोर को पांच बार विधानसभा भेजा है, जो इस क्षेत्र के लिए एक विशेष उपलब्धि है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार की जनता किसे मौका देती है—क्या पुष्पा देवी अपनी जीत दोहरा पाएंगी या राधाकृष्ण किशोर फिर से वापसी करेंगे। छत्तरपुर विधानसभा की राजनीति में इस बार भी कई मोड़ आने की संभावना है।