#दुमका #श्राद्धकर्म : दिशोम गुरू शिबू सोरेन की स्मृति में दशकर्म और संस्कार भोज का आयोजन
- ओलचिकी लिपि में भी आमंत्रण पत्र हुआ तैयार।
- 15 अगस्त को नेमरा में होगा दशकर्म।
- 16 अगस्त को होगा संस्कार भोज।
- आमंत्रण पत्र दुमका में भी वितरित।
- आयोजन में राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां होंगी शामिल।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दिवंगत पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरू शिबू सोरेन के श्राद्धकर्म के लिए विशेष पहल करते हुए आमंत्रण पत्र ओलचिकी लिपि में भी छपवाया है। यह पहल संथाल समुदाय की भाषा और संस्कृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है।
दशकर्म और संस्कार भोज की तारीख
जानकारी के अनुसार, 15 अगस्त 2025 को नेमरा में दिशोम गुरू का दशकर्म आयोजित किया जाएगा, जबकि 16 अगस्त को संस्कार भोज का आयोजन होगा। इन दोनों अवसरों पर परिवार, रिश्तेदारों, राजनीतिक सहयोगियों और समर्थकों को आमंत्रित किया गया है।
दुमका में भी वितरित हुआ निमंत्रण
मुख्यमंत्री सोरेन ने यह आमंत्रण पत्र दुमका में भी भिजवाया है, ताकि वहां के शुभचिंतक और समर्थक इस आयोजन में शामिल होकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।
सांस्कृतिक पहचान को सम्मान
ओलचिकी लिपि में आमंत्रण पत्र छपवाना केवल एक भाषाई पहल नहीं, बल्कि यह संथाल समाज की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने का संदेश है। इस कदम को लेकर सामाजिक संगठनों और भाषाई कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की सराहना की है।
न्यूज़ देखो: भाषा और विरासत का सम्मान
हेमंत सोरेन का यह निर्णय बताता है कि श्रद्धांजलि केवल व्यक्ति को नहीं, बल्कि उनकी विरासत और समाज को भी दी जाती है। ओलचिकी लिपि का प्रयोग आने वाली पीढ़ियों के लिए भाषा संरक्षण का प्रेरक उदाहरण है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
परंपरा और आधुनिकता का संगम
जब हम अपने प्रियजनों को याद करते हैं, तो उनकी परंपराओं और मूल्यों को भी सहेजना आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री का यह कदम भाषा, संस्कृति और भावनाओं के गहरे संबंध को दर्शाता है। इस खबर को साझा करें, ताकि भाषा संरक्षण का यह संदेश और दूर तक पहुंचे।