
#पलामू – खैराही गांव की घटना से मचा हड़कंप, मां ने शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई
- रामगढ़ थाना क्षेत्र में पिता की गाड़ी की चपेट में आने से 3.5 वर्षीय उनंत की मौत
- मां ने पति पर अवैध संबंधों और बेटे को जानबूझकर कुचलने का लगाया आरोप
- बिना पोस्टमार्टम के शव को जल्दबाज़ी में दफनाया गया
- सास-ससुर पर भी महिला ने प्रताड़ना का आरोप लगाया
- पुलिस ने शव निकालकर पोस्टमार्टम और गहन जांच के संकेत दिए
गाड़ी की चपेट में आया मासूम, माँ बोली – जानबूझकर रौंदा गया
पलामू जिला के रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत खैराही गांव में शुक्रवार को एक दर्दनाक और रहस्यमय घटना सामने आई, जहां साढ़े तीन साल के मासूम उनंत कुमार यादव की मौत हो गई। बताया गया कि उनंत अपने पिता सत्यदेव यादव की कार की चपेट में आ गया, जिससे गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे आनन-फानन में एमएमसीएच मेदिनीनगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मां का आरोप – साजिशन हत्या की गई
मृतक की मां सुनीता देवी ने शनिवार को रामगढ़ थाना पहुंचकर अपने पति पर सीधे-सीधे बेटे की हत्या का आरोप लगाया। उसका कहना है कि पति सत्यदेव यादव का गांव की एक महिला से अवैध संबंध है, जिस कारण घरेलू कलह आम बात बन गई थी। घटना के दिन भी इसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
सुनीता देवी ने कहा:
“मेरे पति ने जानबूझकर बेटे को गाड़ी से कुचला। इसके बाद शव को परिजनों को बिना दिखाए ही दफना दिया गया।”
पुलिस जांच में जुटी, मां ने शव निकलवाने की दी अर्जी
सुनीता देवी ने अपने सास-ससुर पर भी मानसिक और पारिवारिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उसने पुलिस से शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
रामगढ़ थाना प्रभारी ओमप्रकाश शाह ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस टीम गांव जाकर घटना स्थल और गवाहों से पूछताछ कर रही है।
न्यूज़ देखो: मासूम की मौत पर प्रशासन से पारदर्शिता की मांग
मासूम की मौत की इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। ऐसी स्थितियों में पोस्टमार्टम जैसी कानूनी प्रक्रिया का पालन बेहद ज़रूरी है ताकि किसी तरह की शंका या अन्याय न रहे।
न्यूज़ देखो प्रशासन से अपेक्षा करता है कि सत्यदेव यादव के खिलाफ लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच हो और पीड़िता को न्याय मिले।
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न्याय की उम्मीद में बेसहारा माँ
बच्चों की परवरिश और सुरक्षा का दायित्व माता-पिता दोनों का होता है, लेकिन जब पिता ही संदेह के घेरे में आ जाए तो हालात और भी पीड़ादायक हो जाते हैं।
सुनीता देवी की गुहार समाज और सिस्टम के लिए एक चेतावनी है — कि सच्चाई को सामने लाना ही न्याय का पहला कदम है।