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विद्यालय मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम में बच्चों ने सीखे मिट्टी परीक्षण के गुर

#पलामू #कृषि : पांडु प्रखंड के पीएम श्री प्लस 2 उच्च विद्यालय रतनाग में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

पलामू जिले के पांडु प्रखंड स्थित पीएम श्री प्लस 2 उच्च विद्यालय रतनाग में आज दिनांक 11 सितंबर 2025 को विद्यालय मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम परियोजना निदेशक आत्मा सह जिला कृषि पदाधिकारी पलामू के निर्देशानुसार संचालित हुआ।

मिट्टी परीक्षण का मिला प्रायोगिक ज्ञान

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के बच्चों को मृदा नमूना संग्रहण की विधि और मिट्टी परीक्षण के 12 आवश्यक तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। क्लासरूम और लैब दोनों जगह बच्चों को मिट्टी का परीक्षण कर दिखाया गया। बच्चों ने उत्सुकता और ध्यानपूर्वक प्रशिक्षण में भाग लिया और वैज्ञानिक तरीकों से मिट्टी को परखने की तकनीक सीखी।

विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रम में एटीएम युसूफ आजाद, नसीम अहमद (B.Sc. Agriculture), विकास कुमार सिंह (एग्री क्लीनिक हुसैनाबाद) और अभिषेक मेहता (एग्री क्लीनिक हुसैनाबाद) ने बच्चों को प्रशिक्षित किया। विशेषज्ञों ने मिट्टी की गुणवत्ता, पोषण तत्वों और बेहतर खेती के लिए उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

शिक्षकों और बच्चों की सक्रिय भागीदारी

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार, सहायक शिक्षक अनुपम तिवारी, उपेंद्र कुमार, सुमन कुमारी मेहता, महताब आलम, आरिफ अंसारी, उपेंद्र गुप्ता, बलराम मेहता, बीरबल राम, शिवनाथ प्रसाद गुप्ता, ब्रिकेश चौधरी, इरफान अंसारी सहित सभी शिक्षाकर्मी उपस्थित रहे। कक्षा 8वीं, 9वीं और 10वीं के बच्चों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की और मिट्टी की सेहत समझने का नया अनुभव प्राप्त किया।

बच्चों के लिए बनी सीखने की प्रेरणा

मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के इस प्रशिक्षण ने बच्चों को खेती-किसानी और पर्यावरण से जोड़ने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। यह पहल न केवल शिक्षा के साथ विज्ञान और कृषि का व्यावहारिक ज्ञान बच्चों तक पहुँचाने में सहायक साबित हुई, बल्कि उन्हें भविष्य में जिम्मेदार नागरिक और कृषि के क्षेत्र में जागरूक बनाने की दिशा में भी प्रेरित किया।

न्यूज़ देखो: मिट्टी से जुड़ाव ही भविष्य की पहचान

विद्यालय मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम यह संदेश देता है कि बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही विज्ञान और खेती-किसानी से जोड़ना जरूरी है। इससे वे पर्यावरण संरक्षण, खाद्य सुरक्षा और सतत विकास की दिशा में योगदान देने के लिए सक्षम बनेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा और खेती का संगम

यह आयोजन शिक्षा और कृषि के बीच बेहतर सामंजस्य का उदाहरण है। अब समय है कि हम सब मिलकर बच्चों को ऐसी गतिविधियों में शामिल करें जो उनके भविष्य को मजबूत बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी इस पहल से प्रेरित हों।

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