
#गढ़वा #सड़क_समस्या : स्कूल से अस्पताल तक परेशानी—ग्रामीणों ने BDO को सौंपा ज्ञापन
- डंडई पंचायत की मुख्य सड़क की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है।
- इसी सड़क से किसान हाई स्कूल सहित कई गांवों का संपर्क होता है।
- बरसात में कीचड़ और पानी भर जाने से पैदल चलना भी मुश्किल।
- छात्रों, मरीजों और बुजुर्गों को हो रही है भारी दिक्कत।
- ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के समर्थन के साथ सौंपा ज्ञापन।
जर्जर सड़क ने तोड़ी ग्रामीणों की सहनशक्ति
गढ़वा जिले के डंडई पंचायत अंतर्गत डंडई गांव के सैकड़ों ग्रामीणों का सब्र अब जवाब देने लगा है। गांव की मुख्य सड़क की दशा इतनी खराब हो चुकी है कि इस पर न तो वाहन चल सकते हैं और न ही लोग पैदल आराम से चल सकते हैं। बरसात का मौसम इस मुसीबत को दोगुना कर देता है। गड्ढों से भरी यह कच्ची सड़क अब दलदल का रूप ले चुकी है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क डंडई पंचायत की जीवनरेखा जैसी है, क्योंकि यही मार्ग किसान हाई स्कूल से लेकर अन्य टोला और गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ता है। वर्षों से यह कच्ची सड़क किसी मरम्मत का मुंह नहीं देख पाई है। हर बरसात में यह सड़क नहीं, बल्कि एक कीचड़ भरी नाली बन जाती है, जिससे गुजरना किसी सजा से कम नहीं होता।
बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर, स्वास्थ्य भी संकट में
इस खराब सड़क से सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों और मरीजों को परेशानी हो रही है। किसान हाई स्कूल डंडई, जो कि पंचायत का एकमात्र उच्च विद्यालय है, इसी मार्ग पर स्थित है। ग्रामीणों के अनुसार, बच्चे प्रतिदिन स्कूल जाते वक्त फिसल जाते हैं, उनके कपड़े और कॉपी-किताबें गंदगी से भर जाती हैं। कई बार बच्चे चोटिल भी हो चुके हैं।
ग्रामीण सुदामा मेहता ने कहा: “हमारे बच्चे हर दिन कीचड़ में चलकर स्कूल जाते हैं। अगर आज आवाज नहीं उठाएँगे, तो कल हमें और बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।”
स्वास्थ्य सेवा की बात करें तो इस सड़क से गुजरकर मरीजों को अस्पताल ले जाना भी एक चुनौती बन चुका है। बारिश के दौरान कोई बीमार पड़ जाए, तो उसे अस्पताल तक पहुंचाना किसी जंग जीतने से कम नहीं।
जनप्रतिनिधियों से लिया समर्थन, मिल रहा सामाजिक सहयोग
ग्रामीणों ने इस बार अपनी आवाज को और मजबूत करने के लिए मुखिया, उपप्रमुख और वार्ड सदस्य से संपर्क किया और ज्ञापन पर उनके हस्ताक्षर भी लिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई आंदोलन नहीं, बल्कि एक सहयोगात्मक पहल है ताकि विकास कार्यों में सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन देने वालों में शशि भूषण मेहता, सच्चिदानंद मेहता, सूर्यमणि कुमार मेहता, चांदनी कुमारी, अमरावती देवी, विक्रम कुमार, हीरालाल महतो, मुदस्सिर अंसारी जैसे नाम शामिल हैं, जो सामाजिक रूप से सक्रिय माने जाते हैं। इनके साथ महिलाओं और युवाओं की भागीदारी भी सराहनीय रही।
प्रयाग मेहता ने कहा: “हम किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए सड़क मांग रहे हैं।”
प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) से अपील की है कि वे जल्द से जल्द एक स्थलीय सर्वेक्षण कराएं और इस सड़क के पक्कीकरण की प्रक्रिया शुरू करें। ग्रामीणों ने बताया कि इस एक सड़क से सिर्फ डंडई नहीं, बल्कि कई अन्य गांवों का संपर्क बना रहता है। हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी इस मार्ग पर निर्भर है।
प्रशासन को यदि विकास के वादों को जमीन पर उतारना है, तो इस सड़क की मरम्मत और निर्माण में और देरी नहीं की जा सकती।



न्यूज़ देखो: ग्रामीण चेतना से उपजता विकास का संकल्प
डंडई गांव के ग्रामीणों ने जिस तरीके से संगठित होकर अपनी बुनियादी जरूरत को लेकर आवाज उठाई है, वह झारखंड के ग्रामीण समाज की बदलती सोच का प्रतीक है। यह सिर्फ सड़क की मांग नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास की मांग है। न्यूज़ देखो इस जन चेतना को सलाम करता है और प्रशासन से अपील करता है कि ऐसे प्रयासों को गंभीरता से लिया जाए।
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