गढ़वा के उपायुक्त शेखर जमुआर और उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा ने चिनिया चिरका डैम का निरीक्षण किया और वहां के मत्स्य समिति के कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान आदिवासी महिलाओं और मत्स्य समिति की अन्य महिलाओं ने पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों से उनका जोरदार स्वागत किया।
उपायुक्त के संदेश:
उपायुक्त ने मत्स्य पालन समिति को और अधिक सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे जुड़े लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पलायन को रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मछली पालन से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर आय के नए स्रोत बनाए जा सकते हैं।
शिक्षा और रोजगार पर जोर:
उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। साथ ही, मछुआरों के लिए आवास सुविधा और मछुआ किट के वितरण का आश्वासन दिया।
पर्यटन स्थल के रूप में चिरका डैम:
उपायुक्त ने चिरका डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने डैम में नौका विहार का आनंद लिया और इसकी सुंदरता की प्रशंसा की।
ग्रामीणों की मांग:
आमाटोली के ग्रामीणों ने सड़क, बिजली, आंगनबाड़ी और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग की। उपायुक्त ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
मछली उत्पादन की क्षमता:
मत्स्य विभाग के डीएफओ अनुराग कवस्य ने जानकारी दी कि चिरका डैम में 36 केज लगाए गए हैं, जिनसे सालाना 360 टन मछली उत्पादन की संभावना है।
इस कार्यक्रम में डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा, वीडिओ सुबोध कुमार, अंचलाधिकारी उमेश्वर यादव, मत्स्य विभाग के पर्यवेक्षक चंदेश्वरी कुमार, तकनीशियन प्रभु चौधरी, और 55 मत्स्य समिति के सदस्य मौजूद थे।