#गढ़वा #शिक्षा_सफलता : गांव की होनहार बेटी ने हासिल की बड़ी उपलब्धि — NET पास कर बढ़ाया जिले का मान
- चिनियां प्रखंड के रणपुरा गांव की अंजली सिंह ने NET परीक्षा में सफलता हासिल की।
- पिता अशोक सिंह की बेटी ने शुरू से दिखाया शैक्षणिक प्रतिभा का दम।
- मैट्रिक में 89.2% और 12वीं में 93% अंकों के साथ रही उत्कृष्ट।
- संत जेवियर्स रांची से B.Com और क्रिस्चियन यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से M.Com की पढ़ाई की।
- अंजली का सपना — प्रोफेसर बनकर शिक्षा के क्षेत्र में करना है सेवा।
गांव की बेटी ने बढ़ाया जिले का मान
गढ़वा जिला अंतर्गत चिनियां प्रखंड के रणपुरा गांव की अंजली सिंह ने अपनी मेहनत और लगन से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) में सफलता हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। अंजली अशोक सिंह की सुपुत्री हैं और इस सफलता के साथ उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में प्रोफेसर बनने की दिशा में पहला अहम कदम बढ़ा लिया है।
हमेशा से रही मेधावी, हर परीक्षा में चमका नाम
अंजली सिंह की शिक्षा यात्रा शुरू से ही प्रेरणादायक रही है। उन्होंने:
- मैट्रिक परीक्षा में 89.2% अंक
- इंटरमीडिएट में 93% अंक
के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
अंजली सिंह ने बताया: “मेरी इस सफलता के पीछे मेरे माता-पिता का निरंतर सहयोग और आशीर्वाद है। उन्होंने हमेशा मुझे पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”
रांची से बेंगलुरु तक का सफर
अपनी स्नातक की पढ़ाई अंजली ने संत जेवियर्स कॉलेज, रांची से B.Com में 8.7 CGPA के साथ पूरी की। इसके बाद उन्होंने M.Com की पढ़ाई क्रिस्चियन यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से पूरी की, जहां भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया। NET की परीक्षा पास कर अब अंजली का सपना है कि वे प्रोफेसर बनकर समाज और छात्रों की सेवा करें।
पिता अशोक सिंह ने कहा: “हमारी बेटी की मेहनत रंग लाई है। हम सभी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। अंजली का सपना था कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे और आज उसने उस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।”
गांव के युवाओं के लिए बनी मिसाल
अंजली की यह सफलता ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो सीमित संसाधनों के बावजूद भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। उनके सफल होने से न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव में खुशी और गर्व का माहौल है।
न्यूज़ देखो: गांव की बेटियों में छिपा है सफलता का उजाला
अंजली सिंह जैसी छात्राएं उन लोगों के लिए जवाब हैं जो मानते हैं कि सफलता सिर्फ शहरों तक सीमित होती है। रणपुरा गांव की यह साधारण सी बेटी अब असाधारण उपलब्धि की मिसाल बन गई है। उसका सफर हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो शिक्षा को बदलाव का जरिया मानता है।
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शिक्षा से बनेगा भविष्य उज्ज्वल
अंजली की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष, समर्पण और निरंतर प्रयास से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। अगर आप भी किसी मेहनती छात्रा को जानते हैं, तो उसकी कहानी को सामने लाएं। इस लेख को शेयर करें, कमेंट करें, और इसे उन तक पहुंचाएं जो अपने सपनों की तलाश में हैं।