
#गुमला #कब्र_पर्व : फादर ग्रेगोरी कुल्लू बोले—मृत्यु अंत नहीं, एक नई शुरुआत है
- जारी प्रखंड क्षेत्र में ख्रीस्तीय विश्वासियों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ कब्र पर्व मनाया।
- दिन की शुरुआत सभी पल्लियों में मिस्सा अनुष्ठान से हुई।
- रूद्रपुर कब्र स्थल पर हुई विशेष प्रार्थना सभा में फादर ग्रेगोरी कुल्लू ने दी प्रेरणादायक सीख।
- उन्होंने कहा—मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है।
- सैकड़ों ख्रीस्तीय विश्वासी उपस्थित रहे और अपने पूर्वजों की कब्रों पर फूल चढ़ाए।
गुमला जिले के जारी प्रखंड क्षेत्र में आज ख्रीस्तीय समाज के लोगों ने बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ कब्र पर्व मनाया। सुबह से ही सभी पल्लियों में मिस्सा अनुष्ठान संपन्न हुआ। इसके बाद विभिन्न कब्र स्थलों पर विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
फादर ग्रेगोरी कुल्लू ने दी आत्मा और पुनर्जन्म की सीख
रूद्रपुर स्थित कब्र स्थल पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में फादर ग्रेगोरी कुल्लू ने मिस्सा अनुष्ठान के पश्चात अपने संदेश में कहा कि जीवन और मरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि क्रिश्चियन विश्वास के अनुसार मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से जीवन के मूल अर्थ को समझने और आत्मा की शुद्धि के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
फादर ग्रेगोरी कुल्लू ने कहा: “जीवन और मरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। क्रिश्चियन विश्वास के अनुसार, मृत्यु जीवन का अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। हमें अपने पूर्वजों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और अपने जीवन की बुराइयों को त्यागने का संकल्प लेना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य का संबंध अपने पूर्वजों और मृत आत्माओं से सदैव बना रहता है। इसलिए इस दिन हमें न केवल उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए, बल्कि अपने जीवन में भलाई, सादगी और प्रेम के मार्ग को अपनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्रद्धालुओं ने पूर्वजों को दी श्रद्धांजलि
मिस्सा अनुष्ठान के बाद सभी ख्रीस्तीय विश्वासियों ने अपने-अपने पूर्वजों की कब्रों पर फूल अर्पित किए और उनकी आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की। इस दौरान पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण व्याप्त रहा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी श्रद्धा के साथ कब्र स्थल पहुंचे और अपने दिवंगत परिजनों को याद किया।
फादर कुल्लू ने कहा: “हमें अपने पूर्वजों द्वारा जीवनकाल में की गई गलतियों के लिए ईश्वर से क्षमा याचना करनी चाहिए और अपने भीतर छिपी बुराइयों को दूर कर सच्चे मार्ग पर चलना चाहिए।”
इस अवसर पर सैकड़ों ख्रीस्तीय विश्वासी उपस्थित थे जिन्होंने शांतिपूर्वक इस पर्व को मनाया। पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रार्थना, भजन और आध्यात्मिक वचन के बीच गहरी भावनात्मक अनुभूति देखी गई।
न्यूज़ देखो: विश्वास, विनम्रता और आत्मा की शुद्धि का पर्व
कब्र पर्व न केवल स्मरण का अवसर है, बल्कि आत्मचिंतन और शुद्धि का भी प्रतीक है। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि जीवन सीमित है, पर आत्मा अमर है। फादर ग्रेगोरी कुल्लू का संदेश समाज को प्रेम, क्षमा और विनम्रता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
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आस्था से उपजता है सच्चा परिवर्तन
जब इंसान अपने जीवन की कमियों को स्वीकार कर आत्मा की शुद्धि की दिशा में कदम बढ़ाता है, तब सच्चा परिवर्तन संभव होता है। कब्र पर्व का यही सार है—प्रेम, क्षमा और ईश्वर में विश्वास।
अब समय है कि हम सब अपने भीतर की अच्छाई को जगाएं और समाज में शांति व सद्भाव का संदेश फैलाएं।
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