
#बानो #क्रिसमस_समारोह : संत पौलुस कैथोलिक चर्च में आयोजित क्रिसमस गेदरिंग में प्रेम सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का संदेश
- बानो प्रखण्ड के छोटानागपुर डायोसिस हिन्द कलीसिया अंतर्गत संत पौलुस कैथोलिक चर्च, हाटिंग होडे में आयोजन।
- जिला परिषद सदस्य व झामुमो केंद्रीय सदस्य बिरज़ो कंडुलना मुख्य अतिथि के रूप में शामिल।
- पादरी ए के सुरीन, जुनास मानकी, पी लुगुन, सुरेश कंडुलना, जॉन होरो, नेल्सन सुरीन की गरिमामयी उपस्थिति।
- दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन।
- विद्यालय के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति।
- आयोजन की सफलता में डॉ ऑस्कर हेमरोम सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का योगदान।
बानो प्रखण्ड क्षेत्र में क्रिसमस पर्व को लेकर उत्साह और उल्लास का माहौल देखने को मिला, जब छोटानागपुर डायोसिस हिन्द कलीसिया के अंतर्गत संत पौलुस कैथोलिक चर्च, हाटिंग होडे में क्रिसमस गेदरिंग एवं मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सामाजिक, धार्मिक और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। आयोजन का उद्देश्य प्रभु यीशु मसीह के प्रेम, त्याग और आपसी भाईचारे के संदेश को समाज तक पहुँचाना रहा। कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की सहभागिता ने इसे सामुदायिक एकता का सशक्त उदाहरण बना दिया।
दीप प्रज्वलन के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद सदस्य बिरज़ो कंडुलना एवं विशिष्ट अतिथि पादरी ए के सुरीन, पादरी जुनास मानकी, पादरी पी लुगुन, पादरी सुरेश कंडुलना, पादरी जॉन होरो और पादरी नेल्सन सुरीन द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्वलन के दौरान पूरे परिसर में शांति, श्रद्धा और आध्यात्मिक वातावरण देखने को मिला। इससे पूर्व सभी अतिथियों का पारंपरिक नाच-गान के साथ मंच तक स्वागत किया गया, जिसने स्थानीय संस्कृति और उत्सव की भावना को और प्रबल किया।
मुख्य अतिथि का प्रेरणादायी संबोधन
मुख्य अतिथि बिरज़ो कंडुलना ने अपने संबोधन में प्रभु यीशु मसीह के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा:
बिरज़ो कंडुलना ने कहा: “प्रभु यीशु मसीह को धन्यवाद कि हम एक बार फिर उन्हें याद करते हुए क्रिसमस गेदरिंग मना रहे हैं। क्रिसमस आपसी प्रेम और सौहार्द का पर्व है।”
उन्होंने कहा कि यीशु मसीह ने पूरे संसार को प्रेम, करुणा और भाईचारे का मार्ग दिखाया। उन्होंने यीशु के संदेश को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मानवता को यह सिखाया कि पड़ोसी से प्रेम करो, क्योंकि प्रेम ही समाज को जोड़ने की सबसे बड़ी शक्ति है।
बच्चों को शिक्षा और अनुशासन का संदेश
अपने वक्तव्य में बिरज़ो कंडुलना ने विशेष रूप से विद्यालय के बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे प्रतिदिन नियमित रूप से अध्ययन करें और अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे समाज और क्षेत्र का समग्र विकास संभव है। बच्चों के प्रति यह संदेश अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी प्रेरणादायी रहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से बच्चों ने क्रिसमस के महत्व, प्रभु यीशु के जीवन और सामाजिक एकता के संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। बच्चों की प्रस्तुति पर उपस्थित अतिथियों और दर्शकों ने तालियों के साथ उत्साहवर्धन किया।
आयोजन को सफल बनाने वालों का योगदान
इस सफल आयोजन के पीछे कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ ऑस्कर हेमरोम, पादरी अल्फ्रेड, अनूप सिंह, जुनुल पूर्ति, प्रभु सहाय चेरवा, मनोज हेमरोम, सुषमा हेमरोम, याकूब भुइयाँ और सुषमा होरो सहित अन्य सहयोगियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी ने आयोजन की व्यवस्था, समन्वय और संचालन में सक्रिय सहभागिता निभाई।
सामाजिक समरसता का संदेश
क्रिसमस गेदरिंग और मिलन समारोह केवल एक धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक एकजुटता का मंच बना। कार्यक्रम में सभी वर्गों के लोगों की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि पर्व तभी सार्थक होते हैं, जब वे समाज को जोड़ने का कार्य करें।
न्यूज़ देखो: क्रिसमस गेदरिंग बना सामाजिक एकता और सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक
यह आयोजन बताता है कि बानो प्रखण्ड में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ केवल आस्था तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शिक्षा, संस्कार और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश भी देती हैं। जनप्रतिनिधियों और धार्मिक अगुवाओं की संयुक्त भागीदारी समाज में सकारात्मक संवाद को मजबूत करती है। ऐसे आयोजन प्रशासन और समाज दोनों के लिए प्रेरणा हैं कि सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करते हुए सामूहिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं।
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एकता और प्रेम के संदेश को आगे बढ़ाएं
क्रिसमस केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्ममंथन और समाज से जुड़ने का अवसर है।
जब बच्चे, युवा और बुजुर्ग एक मंच पर आकर संस्कृति और मूल्यों को साझा करते हैं, तब समाज मजबूत बनता है।





