Simdega

बानो प्रखंड के गिरजाघरों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया क्रिसमस पर्व

#बानो #क्रिसमस_उत्सव : विभिन्न गिरजाघरों में विशेष मिस्सा पूजा और जागरण के साथ प्रभु यीशु का जन्म पर्व मनाया गया।

सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में क्रिसमस के पावन अवसर पर विभिन्न गिरजाघरों में विशेष मिस्सा पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। आरसी चर्च, जीईएल चर्च सहित सुदूरवर्ती ग्रामीण गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की बड़ी उपस्थिति रही। पादरियों ने प्रभु यीशु के जन्म का संदेश देते हुए प्रेम, शांति और सेवा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। यह आयोजन क्षेत्र में धार्मिक एकता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बना।

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  • आरसी चर्च बांकी, संत पौलुस चर्च हाटिंगहोडे, जीईएल चर्च एल्ला, जितूटोली गिरजाघर में विशेष मिस्सा पूजा।
  • आरसी चर्च साहुबेडा में रात्रि मिस्सा और जागरण का भव्य आयोजन।
  • पादरी उम्बलन तोपनो, पादरी बिमल जोजो, फादर भितुस जीवन केरकेट्टा ने दिए संदेश।
  • प्रभु यीशु के जन्म से जुड़ा प्रेम, शांति और मुक्ति का संदेश दोहराया गया।
  • बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और मंडली सदस्यों की सहभागिता।

क्रिसमस पर्व के अवसर पर सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय और उल्लासपूर्ण नजर आया। प्रखंड के विभिन्न गिरजाघरों में प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशी में विशेष मिस्सा पूजा, प्रार्थना सभा और जागरण कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह से लेकर देर रात तक गिरजाघरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और प्रभु के आगमन की खुशी गीत, प्रार्थना और सामूहिक आराधना के माध्यम से प्रकट की गई।

प्रमुख गिरजाघरों में हुआ विशेष आयोजन

बानो प्रखंड अंतर्गत आरसी चर्च बांकी, संत पौलुस चर्च हाटिंगहोडे, जीईएल चर्च एल्ला और संत फ्रांसिस जेवियर गिरजाघर जितूटोली में भक्तिपूर्वक मिस्सा पूजा संपन्न हुई। सभी गिरजाघरों को विशेष रूप से सजाया गया था और श्रद्धालु पारंपरिक उत्साह के साथ पूजा में शामिल हुए। प्रभु यीशु के जन्म से जुड़ी बाइबिल की कथाओं का पाठ किया गया और सामूहिक प्रार्थनाओं के माध्यम से विश्व शांति की कामना की गई।

साहुबेडा में रात्रि मिस्सा और जागरण

आरसी चर्च साहुबेडा में क्रिसमस को लेकर विशेष रात्रि मिस्सा और जागरण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व पादरी बिमल जोजो ने किया। देर रात तक चले इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालु भक्ति गीतों, प्रार्थना और जागरण के माध्यम से प्रभु यीशु के जन्म का स्मरण करते रहे। पूरे परिसर में उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा का वातावरण बना रहा।

जीईएल चर्च बानो में विधिपूर्वक मिस्सा पूजा

जीईएल चर्च बानो में मिस्सा पूजा का आयोजन पादरी उम्बलन तोपनो के अगुवाई में किया गया। इस अवसर पर पादरी सी एस जड़िया और कैंडिडेट विकास कंडुलना ने विधिपूर्वक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराया। मिस्सा के दौरान श्रद्धालुओं को प्रभु यीशु के जीवन, त्याग और बलिदान से जुड़े संदेश सुनाए गए।

प्रेम और मुक्ति का संदेश

मिस्सा के दौरान पादरी उम्बलन तोपनो ने कहा कि बालक यीशु मसीह हमारे उद्धारकर्ता के रूप में धरती पर अवतरित हुए। उन्होंने अपार कष्ट सहकर मानवता को मुक्ति का मार्ग दिखाया। उनका जीवन हमें एक-दूसरे से प्रेम करने, क्षमा करने और सेवा भाव अपनाने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रभु यीशु का संदेश और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है, जब समाज को शांति और भाईचारे की सबसे ज्यादा जरूरत है।

गिरदा में सुदूरवर्ती गिरजाघर में भी आयोजन

प्रखंड के सुदूरवर्ती आरसी चर्च गिरदा में भी क्रिसमस पर्व पूरे श्रद्धा भाव से मनाया गया। यहां फादर भितुस जीवन केरकेट्टा द्वारा मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि प्रभु ईसा मसीह का अवतार संसार में प्रेम और शांति का संदेश देने के लिए हुआ। उन्होंने साधारण मनुष्य के रूप में जीवन जीकर यह दिखाया कि सच्चा प्रेम और सेवा ही ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग है।

आयोजन को सफल बनाने में सामूहिक सहयोग

इन सभी आयोजनों को सफल बनाने में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और मंडली सदस्यों का सहयोग रहा। बसंत कोनगाड़ी, सुशील लुगुन, मैकलीन लुगुन, ललिता जोजो, शिशिर भुइयां, अंजुलिना सहित कई लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई। वहीं गिरदा में आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में सिस्टर संध्या, सिस्टर सुसारेन, सिस्टर मंजू सहित मंडली के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।

सामाजिक एकता और सद्भाव का प्रतीक

क्रिसमस पर्व के इन आयोजनों के माध्यम से बानो प्रखंड में धार्मिक सद्भाव, सामाजिक एकता और आपसी भाईचारे का संदेश स्पष्ट रूप से देखने को मिला। विभिन्न वर्गों और उम्र के लोग एक साथ प्रार्थना में शामिल हुए, जिससे यह पर्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बन गया।

न्यूज़ देखो: आस्था और एकता का उत्सव

बानो प्रखंड में क्रिसमस का यह आयोजन यह दर्शाता है कि पर्व केवल परंपरा नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी हैं। प्रभु यीशु का प्रेम, शांति और सेवा का संदेश आज भी लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने का कार्य कर रहा है। ऐसे आयोजन क्षेत्र में सकारात्मक सोच और सामूहिक चेतना को मजबूत करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रेम और शांति के संदेश को आगे बढ़ाएं

क्रिसमस हमें सिखाता है कि प्रेम और सेवा से ही समाज मजबूत बनता है।
इस पर्व से मिले संदेश को अपने जीवन में उतारें और दूसरों तक भी पहुंचाएं।
यदि यह खबर आपको प्रेरित करती है, तो इसे साझा करें, अपनी राय कमेंट में लिखें और सामाजिक सौहार्द को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं।

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Shivnandan Baraik

बानो, सिमडेगा

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