भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहनिया गांव के निवासी कल्पनाथ अगरिया के बेटे रानू अगरिया (25) को आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इलाज मिलना शुरू हो गया।
चार साल पुरानी चोट:
रानू अगरिया को चार वर्ष पूर्व सरिया लगने से गंभीर चोट लगी थी। परिवार ने पहले एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया, जिसमें 50,000 रुपये खर्च हुए और जमीन तक बेचनी पड़ी। लेकिन चोट ठीक नहीं हुई। इसके बाद सदर अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इलाज संभव न होने की बात कहकर बाहर रेफर कर दिया।
ससुराल में इलाज का प्रयास:
इसके बाद रानू के ससुराल वालों ने राबर्ट्सगंज में इलाज कराने की कोशिश की। इस बीच, चुनाव के दौरान कुछ नेताओं ने मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा था कि “चुनाव जीतने के बाद तुम्हारा इलाज करा देंगे।”
चुनाव के बाद कार्रवाई:
चुनाव खत्म होने के बाद रानू ने फिर नेताओं से मदद की गुहार लगाई। इस मुद्दे को अनंत प्रताप ने ट्विटर पर उठाया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्शन लिया।
गढ़वा डीसी शेखर जमुआर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जानकारी दी:
“मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद जिला प्रशासन द्वारा श्री रानू अगरिया को उनके घर से मेडिकल वैन द्वारा सदर अस्पताल, गढ़वा लाया गया और घुटने के घाव का उचित इलाज प्रारंभ कर दिया गया है।”
सदर अस्पताल में इलाज शुरू:
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एंबुलेंस भेजकर रानू को गढ़वा सदर अस्पताल बुलाया और इलाज शुरू करवाया। परिवार ने सरकार और स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
पीड़ित की उम्मीदें फिर से जगीं:
सरकार के इस कदम से रानू और उसके परिवार को नई उम्मीद मिली है। यह घटना बताती है कि समय पर उठाया गया एक कदम जरूरतमंदों की जिंदगी बदल सकता है।