
#धनबाद #कॉलेजविवाद : एबीवीपी और AISA छात्रों की भिड़ंत, पुलिस जांच में जुटी
- धनबाद लॉ कॉलेज में एबीवीपी और AISA छात्रों के बीच झड़प।
- मारपीट में 6 छात्र घायल, जिनमें 2 गंभीर।
- विवाद की वजह बना अश्लील गानों पर विरोध।
- प्राचार्य ने बताया 8 अगस्त से चल रहा था तनाव।
- कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को दी सूचना, जांच जारी।
धनबाद: सदर थाना क्षेत्र स्थित लॉ कॉलेज में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) के छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस झड़प में कुल छह छात्र घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। दोनों घायलों का इलाज फिलहाल सदर अस्पताल में चल रहा है और वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
विवाद की जड़ और झड़प की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, एबीवीपी के छात्र कॉलेज परिसर में अश्लील गानों के विरोध में प्राचार्य डॉ. कमल किशोर को आवेदन देने पहुंचे थे। उसी समय परिसर में मौजूद AISA के छात्रों से उनकी बहस शुरू हो गई। बहस देखते-देखते हाथापाई में बदल गई और दोनों गुटों के बीच जोरदार झड़प हो गई।
घायल छात्र और उनकी स्थिति
इस झड़प में AISA के जिला अध्यक्ष रितेश मिश्रा, छात्र नेता रवि चौधरी और छात्रा पल्लवी कुमारी घायल हुए। वहीं, एबीवीपी की ओर से ऋषि लाल और विशाल ओझा गंभीर रूप से जख्मी हो गए। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि उनकी हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन सतर्क निगरानी में रखा गया है।
पुराना विवाद और पृष्ठभूमि
प्राचार्य डॉ. कमल किशोर ने बताया कि यह विवाद नया नहीं है। 8 अगस्त से ही दोनों गुटों के बीच तनातनी चल रही थी। मंगलवार को शिक्षक दिवस कार्यक्रम के दौरान तनाव और बढ़ गया था। बुधवार को जब एबीवीपी के छात्र आवेदन देने पहुंचे तो यह विवाद और उग्र हो गया।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
कॉलेज प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। प्राचार्य का आरोप है कि एबीवीपी के छात्र जबरन कॉलेज परिसर में घुसे जिससे स्थिति बिगड़ गई। दूसरी ओर, AISA का कहना है कि एबीवीपी बार-बार जानबूझकर विवाद खड़ा कर रही है।
धनबाद पुलिस ने कॉलेज से मिली लिखित शिकायत की पुष्टि की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और छात्रों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
न्यूज़ देखो: शिक्षा संस्थानों में सियासी जंग चिंता का विषय
कॉलेज परिसर में इस तरह की हिंसा शिक्षा के माहौल को दूषित करती है और छात्रों के भविष्य को खतरे में डालती है। राजनीतिक विचारधाराओं की लड़ाई यदि कक्षाओं और परीक्षाओं की जगह सड़कों और कैंपस में लड़ी जाएगी तो शिक्षा का असली उद्देश्य पीछे छूट जाएगा।
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शिक्षा को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी
अब समय है कि छात्र संगठन शिक्षा को राजनीति से ऊपर रखकर शांति और संवाद की राह अपनाएं। कॉलेज प्रशासन और पुलिस को भी सख्ती से कदम उठाना होगा। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शिक्षा का संदेश और दूर तक पहुंचे।