
#गढ़वा #सामाजिकपहल : कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में उठी आवाज, प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तालाब की सफाई शुरू कराई
- कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में दौलत सोनी ने रामबांध तालाब की बदहाल स्थिति का मुद्दा उठाया।
- पूजा समितियों की आस्था से जुड़े इस मामले पर एसडीएम ने तत्काल नगर परिषद को निर्देश दिया।
- 48 घंटे के भीतर तालाब की सफाई अभियान शुरू कर दिया गया।
- स्थानीय नागरिकों ने राहत जताई और दौलत सोनी व एसडीएम का आभार व्यक्त किया।
- दौलत सोनी बोले – “यह सिर्फ सफाई नहीं, गढ़वा की आस्था और संस्कृति से जुड़ा प्रश्न है।”
गढ़वा नगर क्षेत्र में बुधवार को आयोजित कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में कई समितियों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। मगर सबसे अहम मुद्दा उस समय सामने आया जब जय मां शेरावाली संघ टंडवा के संयोजक और युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने सोनपुरवा स्थित रामबांध तालाब की बदहाल स्थिति पर सवाल उठाया। यह वही तालाब है जहां नगर की अधिकांश पूजा समितियां विसर्जन करती हैं। हालात यह थे कि तालाब सौ फीसदी जलकुंभी से ढका हुआ था।
सजग समाजसेवी की पैनी बात पर तत्काल कार्रवाई
दौलत सोनी ने साफ कहा कि यदि समय रहते तालाब की सफाई नहीं हुई तो विसर्जन के समय गंभीर अव्यवस्था खड़ी हो सकती है और श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचेगी। उनकी इस पैनी टिप्पणी ने प्रशासन को तुरंत हरकत में ला दिया। एसडीएम संजय कुमार ने मौके पर ही नगर परिषद को तालाब की सफाई का निर्देश दिया।
48 घंटे में तालाब की सफाई शुरू
दौलत सोनी की पहल और एसडीएम के निर्देश का असर यह हुआ कि 48 घंटे के भीतर नगर परिषद ने सफाई अभियान शुरू कर दिया। इस त्वरित कार्रवाई ने स्थानीय नागरिकों को हैरान भी किया और संतोष भी दिया। लोगों का कहना था कि यह संभव हुआ क्योंकि मुद्दा ठोस और प्रभावशाली तरीके से उठाया गया।
नागरिकों ने जताया आभार
स्थानीय नागरिकों ने दौलत सोनी और एसडीएम संजय कुमार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी सजगता और सक्रियता से इस बार का विसर्जन निर्विघ्न और सुव्यवस्थित तरीके से सम्पन्न होगा।
दौलत सोनी की प्रतिक्रिया
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दौलत सोनी ने कहा:
दौलत सोनी: “यह सिर्फ तालाब की सफाई का मुद्दा नहीं है, यह गढ़वा की आस्था और संस्कृति से जुड़ा प्रश्न है। जब जनता की समस्या सामने आती है तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उसे मजबूती से उठाऊं। खुशी है कि प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया।”



न्यूज़ देखो: सजग नागरिकता की मिसाल
गढ़वा में हुए इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब सजग समाजसेवी अपनी बात मजबूती से रखते हैं, तो प्रशासन को भी तत्परता दिखानी पड़ती है। दौलत सोनी की पहल और प्रशासन की कार्रवाई ने नागरिकों में विश्वास जगाया है कि जनहित के मुद्दे उठाने से बदलाव संभव है।
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आस्था और जिम्मेदारी दोनों जरूरी
रामबांध तालाब की सफाई सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि गढ़वा की आस्था और संस्कृति की रक्षा का संकल्प है। अब समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे कदमों को आगे बढ़ाएं।
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