
सोलर इरीगेशन, प्रोसेसिंग यूनिट और रोजगार के नए अवसर — मंत्री दीपिका पाण्डेय ने दी मैया सम्मान योजना पर बड़ी घोषणा
- तोरपा प्रखंड के कोचा गांव में शुरू हुआ समुदाय आधारित क्लाइमेट स्मार्ट गांव मॉडल।
- योजना के तहत सोलर लिफ्ट इरीगेशन, सोलर लाइट, पंखा और प्रोसेसिंग यूनिट की सुविधा।
- ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा — सफल होने पर बनेगा सरकारी मॉडल प्रोजेक्ट।
- मैया सम्मान योजना का फॉर्म फिर से भरवाने की घोषणा, ताकि छूटी महिलाएं भी लाभ पा सकें।
- कार्यक्रम में सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक सुदीप गुड़िया समेत कई जनप्रतिनिधि और संस्था के लोग शामिल।
कोचा गांव बना क्लाइमेट स्मार्ट मॉडल
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा पंचायत के कोचा गांव में मंगलवार को समुदाय आधारित क्लाइमेट स्मार्ट गांव का उद्घाटन किया गया। इस योजना के अंतर्गत सोलर संचालित लिफ्ट इरीगेशन, प्रत्येक घर में सोलर लाइट और पंखा उपलब्ध कराया गया है। साथ ही गांव को धान प्रोसेसिंग यूनिट, लाह प्रोसेसिंग यूनिट और तेल उत्पादक यूनिट जैसी सामुदायिक योजनाओं की सौगात मिली है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह, खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया समेत जिला परिषद सदस्य, मुखिया और स्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह का संबोधन
कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा कि कोचा गांव का यह मॉडल पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का उदाहरण है।
मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा: “पारंपरिक खेतीबारी में जब तकनीक जुड़ जाती है तो जीवन आसान हो जाता है। यदि यह मॉडल एक साल तक सफलतापूर्वक चले, तो इसे सरकारी योजना के रूप में आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास करूंगी।”
साथ ही उन्होंने मैया सम्मान योजना को लेकर कहा कि जिन महिलाओं को अब तक लाभ नहीं मिला है, उनके लिए दोबारा फॉर्म भरवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल 50 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं।
सांसद कालीचरण मुंडा ने जताई उम्मीद
इस मौके पर सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि गांव में प्रदान संस्था द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि यहां की महिलाएं रोजगार और कार्य के अवसर पा रही हैं, जो सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत है।
कालीचरण मुंडा बोले: “प्रकृति ने हमें नदियाँ, जंगल और पहाड़ दिए हैं। यदि हम इन संसाधनों का संवर्द्धन करें तो जीवन और भी खुशहाल बनाया जा सकता है।”
विधायक सुदीप गुड़िया की भावनात्मक जुड़ाव
तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने इसे अपने जीवन का सौभाग्य बताया कि वे अपने ही गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में मंच साझा कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब वे पंचायत के मुखिया थे, तब महिलाओं के साथ मिलकर शराबबंदी की पहल की गई थी।
उन्होंने कहा कि मंत्री रहते हुए उन्होंने तोरपा विधानसभा क्षेत्र के जिलिंगबुरू पुल की स्वीकृति देकर लोगों की बड़ी समस्या का समाधान किया। उन्होंने भरोसा जताया कि संसाधनों की उपलब्धता के बाद अब कोचा गांव सार्वांगिण विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
कार्यक्रम में सिमडेगा झामुमो जिला सचिव सफिक खान, जिला परिषद अध्यक्ष रोस प्रतिमा सोरेंग, कई मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। ग्राम प्रधान, महिला समूह और ग्रामीणों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभी ने माना कि इस मॉडल से गांव में रोजगार, ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
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कोचा गांव का क्लाइमेट स्मार्ट मॉडल साबित करता है कि जब तकनीक और परंपरा साथ चलते हैं, तो गांवों का जीवन समृद्ध और आसान बन सकता है। यह पहल न केवल पर्यावरण-संवेदनशील है, बल्कि रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर भी बड़ा कदम है। अब जनता की नजर इस पर रहेगी कि सरकार इसे कितनी गंभीरता से आगे बढ़ाती है।
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मिलकर बनाएं स्मार्ट गांव, सुरक्षित भविष्य
गांवों का विकास तभी संभव है जब हम सब मिलकर सतत कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छता को अपनाएं। कोचा गांव की यह पहल बाकी पंचायतों के लिए भी प्रेरणा है। आप इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें और इसे अपने परिचितों तक पहुंचाएं, ताकि स्मार्ट गांव और स्मार्ट समाज की दिशा में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।