
#पलामू #दुष्कर्म : पीड़िता ने 19 अगस्त को मेदिनीनगर टाउन महिला थाना में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
- 31 जुलाई को छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना हुई।
- 19 अगस्त को टाउन महिला थाना में एफआईआर दर्ज।
- आरोपी शिक्षक तुकेश्वर यादव फिलहाल फरार।
- पीड़िता के बयान पर पॉक्सो सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज।
- पुलिस ने मेडिकल जांच के लिए छात्रा को भेजा।
- गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी।
पीड़िता पलामू के पांकी इलाके में अपनी सहेली के साथ किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करती थी। घटना के दिन वह अपने कमरे में अकेली थी, जबकि पास में रहने वाले शिक्षक की पत्नी भी बाहर गई हुई थी। देर रात शिक्षक ने मौके का फायदा उठाते हुए छात्रा के कमरे में प्रवेश किया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना के बाद डरी-सहमी छात्रा अपने गांव लौट गई और अपनी मां को पूरी बात बताई। इसके बाद परिजनों को भी जानकारी दी गई। परिवार के सहयोग से पीड़िता ने साहस जुटाकर 19 अगस्त को मेदिनीनगर टाउन महिला थाना में लिखित आवेदन दिया। पुलिस ने तुकेश्वर यादव नामक आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
महिला थाना प्रभारी रूपा बाखला ने बताया कि पीड़िता के आवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। छात्रा को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
रूपा बाखला, थाना प्रभारी: “आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है और आगे की जांच जारी है।”
समाज के लिए गहरी चिंता का विषय
यह मामला इसलिए और भी गंभीर है क्योंकि जिस शिक्षक पर बच्चों को पढ़ाने और मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी थी, वही बच्ची की अस्मिता पर हमला करने का आरोपी बना। कोचिंग संचालक का अपने पड़ोस में रहने वाली छात्रा के साथ ऐसा घिनौना कृत्य समाज में शिक्षा और विश्वास दोनों पर गहरी चोट करता है।
न्यूज़ देखो: शिक्षा के मंदिर में अपराध का दाग
यह घटना केवल एक बच्ची की त्रासदी नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मनाक चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा केवल घर तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि कोचिंग और पड़ोस जैसी जगहों पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह जरूरी है कि ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिले और समाज में संदेश जाए कि बच्चियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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मिलकर करें बच्चियों की सुरक्षा की गारंटी
अब समय है कि समाज, परिवार और प्रशासन मिलकर बच्चियों की सुरक्षा के लिए सजग रहें। माता-पिता बच्चों की समस्याओं को गंभीरता से सुनें और उन्हें खुलकर अपनी बात कहने का माहौल दें। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों और बेटियों की सुरक्षा के लिए एकजुटता बन सके।