
#गढ़वा #दवा_व्यापार : एसडीएम संजय कुमार के साथ दवा व्यापारियों की बैठक में लाइसेंस, गुणवत्ता और प्रिस्क्रिप्शन संबंधी मुद्दों पर चर्चा
- संजय कुमार के कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में ड्रगिस्ट और केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित रहे।
- व्यापारियों ने गैर-लाइसेंसी दुकानों और गैर-मानक दवाओं की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- चिकित्सकों से स्पष्ट अक्षरों में दवा लिखने के निर्देश जारी करने पर जोर दिया गया।
- एसडीएम ने सभी लाइसेंसधारी दुकानदारों को जागरूक होने और नियम पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
- औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने दवा नियंत्रण कानून और हाल के बदलावों की जानकारी दी।
गढ़वा के सदर अनुमंडल कार्यालय में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में व्यापारियों ने अपनी समस्याएँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि कई बार दूरदराज़ क्षेत्रों में जीवनरक्षक दवाएँ तुरंत देने की जरूरत होती है। ऐसे मामलों में उन्हें बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा देने पर कठोर कार्रवाई की चिंता रहती है।
व्यापारियों ने औषधि विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने, गैर-मानक दवाओं की बिक्री रोकने और डिस्काउंट के नाम पर भ्रामक प्रचार बंद करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कुछ दुकानों को अनुचित तरीके से लाइसेंस मिल गया है, जिससे नियमपालन करने वाले व्यापारियों की छवि प्रभावित होती है।
रघुवीर प्रसाद कश्यप ने कहा: “दवा व्यापार जीवन-रक्षा से जुड़ा है। दुर्लभ परिस्थितियों में बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा देना अपराध नहीं होना चाहिए।”
सुरेन्द्र कश्यप ने सुझाव दिया कि सरकारी अस्पताल स्थित जनऔषधि केंद्रों में केवल जनरिक दवाएँ उपलब्ध होनी चाहिए। संतोष जायसवाल ने कहा कि व्यापारियों को लाइसेंस प्रक्रिया और संचालन में कई स्तरों पर आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
प्रशासन का उत्तर और प्रतिबद्धता
एसडीएम संजय कुमार ने व्यापारियों की सभी शिकायतों को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन लाइसेंसधारी दुकानदारों को जागरूक करने, चिकित्सकों को स्पष्ट प्रिस्क्रिप्शन लिखवाने, और गैर-मानक दवाओं की बिक्री रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।
संजय कुमार ने कहा: “हम दवा व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील हैं और सभी को नियमों के अनुसार काम करने का मार्गदर्शन देंगे।”
बैठक में उपस्थित औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने कहा कि औषधि विभाग केवल अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है और विभाग पर लगाए गए शोषण के आरोप सही नहीं हैं। उन्होंने दवा विक्रेताओं को नियमों और हाल में बदलाव हुए कफ सिरप विक्रय नियमों की जानकारी दी।
व्यापारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
नंदकिशोर श्रीवास्तव ने कहा कि यह उनके लिए पहला अवसर है जब प्रशासनिक अधिकारी ने उनके व्यवसाय से जुड़ी समस्याओं को सीधे सुनने के लिए आमंत्रित किया। व्यापारियों ने बैठक को सफल और सराहनीय बताया।



न्यूज़ देखो: गढ़वा में दवा व्यवसाय की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में प्रशासन का संवेदनशील कदम
यह बैठक प्रशासन और दवा व्यापारियों के बीच विश्वास और समन्वय बढ़ाने का उदाहरण है। गैर-लाइसेंसी दुकानों पर नियंत्रण, स्पष्ट प्रिस्क्रिप्शन और गुणवत्ता मानकों के पालन के लिए यह पहल महत्वपूर्ण साबित होगी।
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जीवनरक्षक व्यवसाय में जागरूकता और जिम्मेदारी बढ़ाएं
व्यापारी और नागरिक मिलकर जीवनरक्षक व्यवसाय की पवित्रता बनाए रखें। डॉक्टरों से स्पष्ट प्रिस्क्रिप्शन की मांग करें और गैर-मानक दवाओं से बचाव करें। इस खबर को साझा करें, अपने अनुभव कमेंट में बताएं और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए जागरूकता फैलाएं।