
#गढ़वा #प्रशासन : 37वीं कड़ी में गोपालन और गौशाला से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
- कॉफी विद एसडीएम का आयोजन इस बार 21 अगस्त, गुरुवार को होगा।
- आमंत्रित वर्ग में गोपालक, गौशाला समिति के सदस्य और गो-सेवक शामिल होंगे।
- कार्यक्रम का नेतृत्व गढ़वा एसडीएम संजय कुमार करेंगे।
- नागरिक-प्रशासन संवाद की यह 37वीं कड़ी होगी।
- पूर्व में 36 सामाजिक वर्गों को जोड़ा जा चुका है इस श्रृंखला से।
गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय की ओर से आयोजित होने वाला लोकप्रिय संवाद कार्यक्रम ‘कॉफी विद एसडीएम’ इस सप्ताह सामान्य दिनचर्या से हटकर गुरुवार को आयोजित किया जाएगा। आमतौर पर यह आयोजन प्रत्येक बुधवार को होता है, किंतु इस बार इसे 21 अगस्त, गुरुवार सुबह 11 बजे रखा गया है।
गौशाला और गोपालन पर केंद्रित होगी चर्चा
गढ़वा एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि इस बार संवाद के लिए गोपालकों, गौशाला समितियों और गो-सेवकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर प्रशासन के संबंधित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे ताकि चर्चित मुद्दों पर समाधान की दिशा तय की जा सके।
संवाद की निरंतर श्रृंखला
एसडीएम ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम 37वीं कड़ी होगी। अब तक इस मंच पर 36 अलग-अलग सामाजिक वर्गों के साथ प्रशासन ने संवाद स्थापित किया है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, युवा, महिला समूह और सामाजिक संगठनों से जुड़े वर्ग शामिल रहे हैं।
प्रशासन-जनता के बीच पुल की भूमिका
‘कॉफी विद एसडीएम’ कार्यक्रम को गढ़वा में नागरिक और प्रशासन के बीच पुल की तरह देखा जा रहा है। इस अनौपचारिक लेकिन असरदार पहल से कई जनसरोकार विषयों पर सीधा संवाद और ठोस निर्णय लिए गए हैं। इस बार भी उम्मीद है कि गोपालन और गौशाला समितियों से जुड़े मुद्दों जैसे पशु-आवास, चारा संकट और स्वास्थ्य देखभाल पर रचनात्मक चर्चा होगी।
न्यूज़ देखो: जन संवाद की मिसाल बनता गढ़वा
गढ़वा प्रशासन का यह प्रयास दिखाता है कि यदि प्रशासन जनता की बात सुनने को तैयार हो, तो समस्याएँ सिर्फ शिकायत तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि समाधान की ओर बढ़ती हैं। ‘कॉफी विद एसडीएम’ जैसी पहलें ही लोकतांत्रिक शासन को मजबूत बनाती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवाद से विकास की ओर कदम
अब समय है कि हम सभी भी ऐसे संवादों का हिस्सा बनें और अपनी समस्याएँ व सुझाव सीधे प्रशासन तक पहुँचाएँ। आपकी राय और सहभागिता ही जिले के विकास की असली ताकत है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को जरूर शेयर करें ताकि और लोग भी जागरूक होकर प्रशासनिक संवाद से जुड़ें।