
#देवरी #सामुदायिकपुलिसिंग : उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में भेलवाघाटी में आयोजित हुआ कार्यक्रम, ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी और सामग्री वितरित
- देवरी प्रखंड के भेलवाघाटी में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम का आयोजन।
- उपायुक्त रामनिवास यादव और पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार ने की शिरकत।
- ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
- वंचितों को मनरेगा जॉब कार्ड, खेल सामग्री और शैक्षणिक सामग्री बांटी गई।
- पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर समस्याएं बताने की अपील की।
देवरी प्रखंड के भेलवाघाटी में शनिवार को प्रशासन और पुलिस की संयुक्त पहल पर सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव और पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनकी सुरक्षा एवं विकास संबंधी चिंताओं को सुनना था।
योजनाओं की जानकारी और सामग्री का वितरण
इस अवसर पर अधिकारियों ने ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। कार्यक्रम के दौरान वंचित ग्रामीणों को मनरेगा जॉब कार्ड उपलब्ध कराए गए। वहीं बच्चों के बीच खेल सामग्री और शैक्षणिक सामग्री वितरित की गई, जिससे उनमें उत्साह देखने को मिला।
प्रशासन और जनता के बीच भरोसे का पुल
उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग का मकसद सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान और प्रशासन पर भरोसा मजबूत करना भी इसका हिस्सा है।
रामनिवास यादव ने कहा: “सामुदायिक पुलिसिंग जनता और प्रशासन के बीच सेतु का काम करती है। हमारा प्रयास है कि गांव-गांव तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और लोग सीधे प्रशासन से जुड़ सकें।”
ग्रामीणों से सीधा संवाद की अपील
पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार ने कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी समस्या को लेकर सीधे पुलिस और प्रशासन से संवाद करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर शिकायत और मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. बिमल कुमार ने कहा: “गांव के लोग निडर होकर अपनी समस्या पुलिस या प्रशासन तक पहुंचाएं। पारदर्शिता और त्वरित समाधान ही हमारी प्राथमिकता है।”
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भेलवाघाटी में हुआ यह कार्यक्रम सिर्फ योजनाओं और सामग्री वितरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने ग्रामीणों में विश्वास जगाने का काम भी किया। प्रशासन और पुलिस का सीधा संवाद ग्रामीणों की समस्याओं को कम करने और सुरक्षा की भावना को मजबूत करने का एक कारगर माध्यम है।
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जनता और प्रशासन का रिश्ता और मजबूत
अब समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर एक सुरक्षित और विकसित वातावरण का निर्माण करें। सामुदायिक पुलिसिंग जैसी पहलें तभी सफल होंगी जब जनता भी सक्रिय भागीदारी निभाएगी। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और हर गांव प्रशासन से सीधे जुड़ सके।