
#छिपादोहर #खेलमहोत्सव : गांधी मैदान में जय आदिवासी फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और खेल भावना से खेलने का संदेश
- छिपादोहर गांधी मैदान में जय आदिवासी फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन हुआ।
- कांग्रेस नेता तेतर यादव ने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
- खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया गया।
- युवाओं को खेल और पढ़ाई में संतुलन रखने की प्रेरणा दी गई।
- उद्घाटन समारोह में कई स्थानीय नेता और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
बरवाडीह प्रखंड के छिपादोहर स्थित गांधी मैदान में जय आदिवासी फुटबॉल टूर्नामेंट का शुभारंभ हर्षोल्लास के माहौल में किया गया। टूर्नामेंट का उद्घाटन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तेतर यादव ने फीता काटकर किया। इसके बाद उन्होंने खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर उनका परिचय लिया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
खेल से होता है सर्वांगीण विकास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेतर यादव ने कहा कि खेल से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का विकास होता है। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए ताकि जीवन में संतुलन बना रहे। उन्होंने खिलाड़ियों से खेल को खेल भावना के साथ खेलने और अपने प्रदर्शन से क्षेत्र का नाम रौशन करने की अपील की।
तेतर यादव ने कहा: “खेल से न केवल शरीर मजबूत होता है, बल्कि अनुशासन और टीम भावना भी विकसित होती है। सभी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर अपने भविष्य को संवार सकते हैं।”
उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे लोग
इस अवसर पर छिपादोहर की उप मुखिया दीपा देवी, कांग्रेस कार्यकर्ता संजय सिंह, कांग्रेस युवा मंडल अध्यक्ष कौशल यादव, फुटबॉल टूर्नामेंट मैच के अध्यक्ष बाबूलाल सिंह खरवार, दीपक प्रसाद, विजय प्रसाद, मुकेश राम, केशवरी यादव सहित कई स्थानीय खेल प्रेमी और गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और टूर्नामेंट की सफलता की कामना की।
खेल भावना से जुड़ा उत्सव
छिपादोहर में आयोजित यह टूर्नामेंट सिर्फ खेल प्रतियोगिता नहीं बल्कि सामाजिक एकता और उत्साह का प्रतीक भी है। स्थानीय युवाओं ने इसे अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच बताया और कहा कि इस तरह के आयोजन उन्हें बड़े सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देते हैं।

न्यूज़ देखो: खेलों से निखरता है समाज और युवा
छिपादोहर में फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन यह दर्शाता है कि खेल केवल मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक विकास और युवाओं की उन्नति का जरिया भी हैं। ऐसे आयोजनों से ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा और सकारात्मक माहौल बनता है।
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खेल से जुड़े, समाज से आगे बढ़े
फुटबॉल जैसे खेल युवाओं में जोश और अनुशासन का संचार करते हैं। अब समय है कि हम सब इस खेल संस्कृति को और मजबूत करें। अपनी राय कमेंट करें और खबर को साझा करें ताकि छिपादोहर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को व्यापक पहचान मिले।