
#गिरिडीह #कांग्रेस_संवेदना : मॉब लिंचिंग पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय और सरकारी सहायता का भरोसा।
गिरिडीह जिले के राजधनवार में हुई मॉब लिंचिंग की घटना के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश केडिया ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। कांग्रेस नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। यह दौरा समाज में बढ़ती हिंसा के खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक जवाबदेही को रेखांकित करता है।
- राजधनवार मॉब लिंचिंग के पीड़ित परिवार से मिले जिला कांग्रेस अध्यक्ष सतीश केडिया।
- परिजनों को हर संभव सरकारी सहायता दिलाने का दिया आश्वासन।
- घटना को बताया अमानवीय और अस्वीकार्य, दोषियों पर कार्रवाई की मांग।
- झारखंड राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य नरेश वर्मा सहित कई कांग्रेसी नेता रहे मौजूद।
- कांग्रेस ने कहा, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं।
गिरिडीह जिले के राजधनवार में हाल ही में हुई मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर घटना के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश केडिया ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि इस दुख की घड़ी में कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है।
पीड़ित परिवार से मुलाकात, ढांढस बंधाया
पीड़ित परिवार से बातचीत के दौरान सतीश केडिया ने कहा कि किसी भी हाल में कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस अमानवीय घटना के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पार्टी हर स्तर पर प्रयास करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को मिलने वाली सभी सरकारी सहायता और मुआवजा समय पर दिलाने के लिए प्रशासन से लगातार संपर्क किया जाएगा।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा: “किसी को भी किसी की जान लेने का अधिकार नहीं है। दोषी चाहे जो भी हो, कानून अपना काम करेगा और कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी।”
घटना पर कांग्रेस का स्पष्ट संदेश
सतीश केडिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाज में भय और अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेने का दुस्साहस न कर सके।
सरकारी सहायता का भरोसा
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि वे जिला प्रशासन और राज्य सरकार से बात कर हर संभव सरकारी मदद दिलाने का प्रयास करेंगे। इसमें मुआवजा, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ और अन्य आवश्यक सहायता शामिल होगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
इस अवसर पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ और स्थानीय नेता मौजूद रहे। इनमें झारखंड राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य नरेश वर्मा, देवरी प्रखंड अध्यक्ष मनोज राय, जमुआ प्रखंड अध्यक्ष निजामुद्दीन अंसारी, जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अहमद राज, नूरी, यस सिन्हा, जुनेद आलम, विमल सिंह, अवधेश सिंह सहित कई प्रमुख कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल थे। सभी नेताओं ने एक स्वर में घटना की निंदा की और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
समाज में बढ़ती हिंसा पर चिंता
नेताओं ने बातचीत के दौरान कहा कि हाल के वर्षों में भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं। ऐसी घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाती हैं। कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन से मांग की कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो तथा दोषियों को कड़ी सजा मिले।
कानून का राज जरूरी
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्याय का एकमात्र रास्ता कानून है। किसी भी तरह की अफवाह, संदेह या आक्रोश के आधार पर हिंसा करना निंदनीय है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी विवाद की स्थिति में प्रशासन और कानून पर भरोसा करें।
स्थानीय स्तर पर भरोसा कायम करने की कोशिश
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय लोगों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में समाज को एकजुट होकर हिंसा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। ऐसी घटनाओं के बाद पीड़ित परिवार खुद को अकेला महसूस करता है, ऐसे में सामाजिक और राजनीतिक समर्थन बेहद जरूरी हो जाता है।
न्यूज़ देखो: मॉब लिंचिंग पर सियासी और सामाजिक जवाबदेही
राजधनवार की यह घटना एक बार फिर मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर सामाजिक संकट को सामने लाती है। कांग्रेस का पीड़ित परिवार से मिलना केवल संवेदना नहीं, बल्कि राजनीतिक जवाबदेही का संकेत भी है। अब देखना होगा कि प्रशासन जांच और कार्रवाई में कितनी तेजी और पारदर्शिता दिखाता है। ऐसी घटनाओं पर सख्त संदेश देना समय की जरूरत है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
इंसानियत की रक्षा, कानून का सम्मान
हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। समाज को यह समझना होगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
यदि आप भी शांति, न्याय और इंसानियत के पक्ष में हैं, तो अपनी आवाज बुलंद करें। इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें, लेख को साझा करें और समाज में कानून के सम्मान का संदेश आगे बढ़ाएं।





