
#गिरिडीह #कांग्रेस_श्रद्धांजलि : जिला कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने इंदिरा गांधी और सरदार पटेल को नमन किया, एकता और देशभक्ति का दिया संदेश
- गिरिडीह जिला कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई गई।
- पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दोनों महान नेताओं के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- जिला अध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा कि पटेल जी ने 600 रियासतों को भारत में मिलाकर देश को एकता के सूत्र में बांधा।
- उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
- कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
गिरिडीह जिला कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को भारत की दो महान विभूतियों — पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल — को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अवसर इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार पटेल की जयंती का था। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दोनों नेताओं की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर उनके योगदान को नमन किया। माहौल भावनाओं और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत था।
सरदार पटेल की एकता भावना को किया याद
इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद जब भारत अनेक रियासतों में बंटा हुआ था, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता से लगभग 600 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में खड़ा किया।
सतीश केडिया ने कहा: “लौह पुरुष सरदार पटेल का योगदान भारत की एकता की आधारशिला है। पूरा राष्ट्र आज उनकी 150वीं जयंती पर उन्हें नमन कर रहा है। यह देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।”
उन्होंने कहा कि आज जब हम एक मजबूत और अखंड भारत की बात करते हैं, तो हमें सरदार पटेल की उस दृढ़ता और त्याग को याद करना चाहिए जिसने हमें यह स्वरूप दिया।
इंदिरा गांधी की अदम्य नेतृत्व क्षमता को दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं ने भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी श्रद्धापूर्वक याद किया। सतीश केडिया ने कहा कि इंदिरा गांधी ने उस दौर में जब विश्व दो ध्रुवों में बंटा था, भारत को गुटनिरपेक्ष आंदोलन के माध्यम से स्वतंत्र नीति अपनाने का साहसिक निर्णय दिया। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में विश्व मंच पर स्थापित किया।
सतीश केडिया ने कहा: “उन्होंने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा किया। उनका योगदान हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश वर्मा ने कहा कि आज का दिन इन दोनों महान शख्सियतों को याद करने का है जिन्होंने राष्ट्र की मजबूती और एकता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की आज की स्थिति उन्हीं के दूरदृष्टिपूर्ण नेतृत्व की देन है।
बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने दी उपस्थिति
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुख्य रूप से उपस्थित थे — अशोक विश्वकर्मा, पप्पू विश्वकर्मा, मदन विश्वकर्मा, पंकज कुमार सागर, इरफान अली, गुलाम मुस्तफा, साबिर अहमद, खान परेश, नाथ मित्र, अमित कुमार सिन्हा, मनोज कुमार राय, अनिमेष देव, सिकंदर अंसारी, मोहम्मद अली खान, मोहम्मद निजाम समीम, मुखिया कृष्ण सिंह, शहाबुद्दीन खान, सरफराज अंसारी, सोहेल परमेश्वर मेहता, विनीत भास्कर, मोहम्मद टार्जन, पुरुषोत्तम चौधरी, मोहम्मद सोहेल सोनू खान और क्यमुल अंसारी।
सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि देश की एकता, अखंडता और महिला नेतृत्व के प्रतीक इन दोनों महान नेताओं की प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।
न्यूज़ देखो: एकता और नेतृत्व की दो मिसालें
गिरिडीह में हुआ यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि देश की एकता, नारी शक्ति और दूरदृष्टि की प्रतीक दो ऐतिहासिक हस्तियों का सम्मान था। इंदिरा गांधी और सरदार पटेल ने भारत को न सिर्फ दिशा दी, बल्कि उसकी आत्मा को भी मजबूत किया। आज के युवाओं के लिए उनका जीवन आदर्श और मार्गदर्शक है।
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प्रेरणा बनें देशभक्ति और एकता की भावना
इंदिरा गांधी और सरदार पटेल का जीवन संदेश देता है कि जब इरादे मजबूत हों, तो राष्ट्र निर्माण का कोई लक्ष्य असंभव नहीं। हमें भी अपने समाज और देश के प्रति ऐसी ही जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
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