
#सिमडेगा #ग्रामीण_रोजगार : VB G-RAM-G योजना को लेकर कांग्रेस और झामुमो पर भाजपा का पलटवार।
मनरेगा के स्थान पर प्रस्तावित विकसित भारत ग्रामीण रोजगार एवं आजीविका गारंटी विधेयक 2025 को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस और झामुमो के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा मीडिया प्रभारी रवि गुप्ता ने इसे तथ्यहीन और जनता को भ्रमित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण रोजगार को खत्म नहीं बल्कि उसे पारदर्शी, तकनीक आधारित और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम कदम है। सिमडेगा में जारी बयान के माध्यम से उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
- VB G-RAM-G योजना को लेकर कांग्रेस-झामुमो के विरोध पर भाजपा की प्रतिक्रिया।
- भाजपा मीडिया प्रभारी रवि गुप्ता ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
- योजना का उद्देश्य ग्रामीण रोजगार को मजबूत करना, न कि समाप्त करना।
- तकनीक आधारित व्यवस्था से समय पर भुगतान और पारदर्शिता का दावा।
- मनरेगा में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का आरोप, सुधार की जरूरत पर जोर।
मनरेगा के स्थान पर प्रस्तावित विकसित भारत ग्रामीण रोजगार एवं आजीविका गारंटी विधेयक 2025, जिसे VB G-RAM-G योजना के नाम से जाना जा रहा है, को लेकर झारखंड की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और झामुमो द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा पलटवार किया है। सिमडेगा में भाजपा मीडिया प्रभारी रवि गुप्ता ने बयान जारी कर कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर जनता को भ्रमित करने का काम कर रहा है और बिना तथ्य जाने केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।
विपक्ष का विरोध राजनीतिक, जनता को गुमराह करने का प्रयास
भाजपा मीडिया प्रभारी रवि गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो ने VB G-RAM-G योजना को लेकर गलत धारणाएं फैलाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण रोजगार को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि उसे और अधिक सशक्त, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाने के उद्देश्य से लाई जा रही है।
रवि गुप्ता ने कहा:
“कांग्रेस और झामुमो बिना तथ्य जाने केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। जनता को डराने और भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।”
ग्रामीण रोजगार को मिलेगा नया स्वरूप
भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि VB G-RAM-G योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मजदूरों को समय पर भुगतान मिले, कार्यों में पारदर्शिता हो और तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार पर रोक लगे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल मॉनिटरिंग, पारदर्शी भुगतान प्रणाली और कार्यों की ऑनलाइन ट्रैकिंग के जरिए ग्रामीण रोजगार योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे।
मनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप
रवि गुप्ता ने कांग्रेस के शासनकाल की आलोचना करते हुए कहा कि मनरेगा को कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय फर्जी मजदूर, अधूरे कार्य और भुगतान में देरी जैसी समस्याएं आम थीं।
उन्होंने कहा:
“मनरेगा के नाम पर गरीबों को केवल कागजों में रोजगार मिला। फर्जी जॉब कार्ड, अधूरे कार्य और महीनों तक भुगतान न होना आम बात थी। वर्तमान सरकार इन कमियों को दूर कर रही है।”
गरीब मजदूरों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे
भाजपा मीडिया प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी गरीब मजदूर के अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल योजनाओं का नाम बदलना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर मजबूत करना है।
उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस वास्तव में गरीबों और मजदूरों की हितैषी है, तो उसे सकारात्मक सुझाव देने चाहिए, न कि हर सुधारात्मक कदम का विरोध करना चाहिए।
G-RAM-G योजना से बदलेगी ग्रामीण भारत की तस्वीर
रवि गुप्ता ने दावा किया कि आने वाले समय में VB G-RAM-G जैसी योजनाएं ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएंगी। रोजगार के नए अवसर, समय पर मजदूरी भुगतान और पारदर्शी व्यवस्था से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जनता स्वयं देखेगी कि यह योजना किस तरह से ग्रामीण विकास को गति देती है और मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार लाती है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच नीति पर बहस जरूरी
मनरेगा और प्रस्तावित G-RAM-G योजना को लेकर जारी राजनीतिक बहस के बीच यह स्पष्ट है कि ग्रामीण रोजगार का मुद्दा संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। एक ओर जहां विपक्ष इसे मजदूरों के अधिकारों से जोड़कर देख रहा है, वहीं सरकार इसे सुधार और सशक्तिकरण की दिशा में कदम बता रही है।
न्यूज़ देखो: योजनाओं पर राजनीति या सुधार की जरूरत
VB G-RAM-G योजना को लेकर सामने आए बयान यह दिखाते हैं कि ग्रामीण रोजगार जैसे मुद्दों पर राजनीति और नीति के बीच टकराव जारी है। जहां सरकार पारदर्शिता और तकनीक आधारित सुधार की बात कर रही है, वहीं विपक्ष आशंकाएं जता रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस योजना को किस तरह लागू करती है और मजदूरों को वास्तविक लाभ कैसे सुनिश्चित किया जाता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ग्रामीण विकास पर संवाद जरूरी
ग्रामीण रोजगार केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आजीविका से जुड़ा सवाल है।
योजनाओं पर खुली और तथ्य आधारित चर्चा ही बेहतर समाधान का रास्ता दिखा सकती है।
आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं, अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और जागरूक चर्चा को आगे बढ़ाएं।





