
#सिमडेगा #राजनीतिक_विवाद : पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री विमला प्रधान ने कांग्रेस के वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान को जनता को भ्रमित करने वाला बताया
- श्रीमती विमला प्रधान, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व मंत्री ने कांग्रेस के अभियान की आलोचना की।
- उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है।
- कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह अभियान लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति अविश्वास फैलाने वाला है।
- श्री बाबूलाल मरांडी ने सिमडेगा विधानसभा में 16 हजार अल्पसंख्यक वोट बढ़ने की जांच की आवश्यकता जताई थी।
- विमला प्रधान ने कहा कि अगर वोट चोरी हुई है तो संबंधित सिमडेगा एवं कोलेबिरा विधायक को इस्तीफा देकर जांच करानी चाहिए।
पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री विमला प्रधान ने सिमडेगा में कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे वोट चोर गद्दी छोड़ और हस्ताक्षर अभियान को जनता को भ्रमित करने वाला बताया। उनका कहना है कि यह अभियान जनता के मताधिकार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अविश्वास फैलाने का प्रयास है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह जान-बूझकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है और संवैधानिक संस्थाओं की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस अभियान पर विमला प्रधान की टिप्पणी
विमला प्रधान ने कहा कि जिस पार्टी ने स्वतंत्रता के बाद लगभग 65 वर्षों तक देश पर राज किया, वही अब लोकतंत्र पर खतरे की बात कर रही है, यह पूरी तरह से भ्रामक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने दायित्व निभा रहा है।
विमला प्रधान ने कहा: “कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बंधक बनाया था। आज वही पार्टी जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, पर देश की जनता समझदार है और चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा रखती है।”
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले श्री बाबूलाल मरांडी ने सिमडेगा विधानसभा में 16 हजार अल्पसंख्यक वोट बढ़ने की बात उठाई थी, जिसे संबंधित विधायक ने झूठा करार दिया था। अब वही विधायक और नवनियुक्त जिला अध्यक्ष चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल क्यों खड़े कर रहे हैं।
जनता और संवैधानिक प्रक्रिया
विमला प्रधान ने स्पष्ट कहा कि अगर किसी तरह से वोट चोरी हुई है तो संबंधित सिमडेगा एवं कोलेबिरा विधायक को इस्तीफा देकर जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अभियान कांग्रेस द्वारा जनजागरण के नाम पर चलाया गया राजनीतिक हथकंडा है।
विमला प्रधान ने कहा: “यह अभियान लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर अविश्वास फैलाने वाला है और जनता को भ्रमित करता है।”
न्यूज़ देखो: राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और लोकतंत्र की पारदर्शिता
यह मामला स्पष्ट करता है कि राजनीतिक दल अपने मताधिकार और संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर जनता को भ्रमित कर सकते हैं। ऐसे में जागरूक नागरिकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे तथ्यों को समझें और लोकतंत्र की प्रक्रिया का समर्थन करें।
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