
#पटना #विधानसभा_चुनाव : तेजस्वी यादव के आवास पर हुई बैठक में सभी घटक दलों ने सीट शेयरिंग को लेकर दिखाई एकजुटता
- तेजस्वी यादव के पटना आवास पर महागठबंधन की बड़ी बैठक।
- आरजेडी, कांग्रेस, जेएमएम, वीआईपी, आरएलजेपी और वामदलों ने लिया हिस्सा।
- सीट बंटवारे पर सहमति बनी, अब औपचारिक घोषणा पंद्रह सितंबर तक।
- कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम बोले – प्रभाव वाले क्षेत्रों में ही उम्मीदवार।
- कृष्णा अल्लवरु ने कहा – नए सहयोगियों के लिए त्याग जरूरी।
- झामुमो और रालोसपा को भी गठबंधन में जगह मिलने की पुष्टि।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने सीटों के बंटवारे का खाका तैयार कर लिया है। रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर हुई बैठक में सभी दलों ने अपने सुझाव दिए और तालमेल बनाने पर जोर दिया। बैठक में आरजेडी, कांग्रेस, वामदलों, वीआईपी, आरएलजेपी और जेएमएम के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सहमति बनने के बाद अब पंद्रह सितंबर तक सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
बैठक का माहौल और सहमति बनी
बैठक में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि माहौल पूरी तरह सकारात्मक रहा और सभी दलों ने सौहार्दपूर्ण तरीके से सीटों पर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस बार केवल अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारेगी। उनका कहना था कि कांग्रेस की रणनीति सहयोगियों की सीटें हथियाने की नहीं है, बल्कि आपसी तालमेल से चुनावी मजबूती हासिल करना है।
राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस का मनोबल
राजेश राम ने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह बढ़ा दिया है। इस यात्रा की सफलता से संगठन मजबूत हुआ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी सहयोगियों की सीटों पर दावा ठोकेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संतुलन बनाकर ही आगे बढ़ेगी।
बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लवरु का बयान
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लवरु ने कहा कि बातचीत सार्थक रही और आगे की दिशा साफ हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत गठबंधन में नए सहयोगी भी लगातार जुड़ रहे हैं। ऐसे में सभी दलों को अपने निजी हितों से ऊपर उठकर सामूहिक हितों पर ध्यान देना होगा। सीटों की संख्या पर सवाल किए जाने पर उन्होंने पचास या सत्तर सीटों के दावे को नकारते हुए कहा कि अंतिम निर्णय संतुलन बनाकर ही लिया जाएगा।
कृष्णा अल्लवरु ने कहा: “गठबंधन में अच्छी और चुनौतीपूर्ण सीटों का तार्किक और न्यायपूर्ण बंटवारा होना चाहिए। हर पार्टी के साथ संतुलन बनाना हमारी प्राथमिकता है।”
नए सहयोगियों की एंट्री
महागठबंधन में अभी राजद, कांग्रेस, वामपंथी दल और वीआईपी मुख्य सहयोगी हैं। बैठक में यह तय हुआ कि लंबे समय से चर्चा में रहे झामुमो और रालोसपा को भी गठबंधन में जगह दी जाएगी। दोनों दलों को सीमित सीटें दी जाएंगी, जिससे वे चुनाव में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
सीट बंटवारे की अहमियत
चुनाव में सीट शेयरिंग का फैसला हर दल के लिए रणनीतिक मायने रखता है। इस बार महागठबंधन ने कोशिश की है कि विवाद और असहमति की स्थिति पैदा न हो। नेताओं का मानना है कि यदि सभी दल अपने-अपने प्रभाव क्षेत्रों में मजबूती से लड़ें तो बीजेपी और एनडीए को कड़ी चुनौती दी जा सकती है।
आगामी औपचारिक घोषणा
सूत्रों के अनुसार, अब तक जितने भी मुद्दों पर सहमति बनी है, उसकी औपचारिक घोषणा पंद्रह सितंबर तक कर दी जाएगी। इसके बाद उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति पर फोकस किया जाएगा।
न्यूज़ देखो: संतुलित बंटवारा ही तय करेगा गठबंधन की मजबूती
बिहार महागठबंधन ने इस बार सीट शेयरिंग पर शुरुआती सहमति बनाकर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुटता का संदेश दिया है। यह संतुलन आगे चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा। अगर सभी दल आपसी तालमेल और सहयोग बनाए रखते हैं, तो महागठबंधन के लिए यह चुनावी जंग निर्णायक हो सकती है।
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एकजुटता ही लोकतंत्र की ताकत
बिहार की राजनीति में यह समय सहयोग और समझौते का है। मतदाता भी चाहते हैं कि नेता जनता की आवाज को प्राथमिकता दें। अब समय है कि हम सभी सजग नागरिक बनकर चुनावी प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में योगदान दें।