
#गिरिडीह #संविधान_दिवस : पारसनाथ दिगम्बर जैन मध्य विद्यालय में शिक्षकों और छात्रों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कर संविधान के महत्व को समझा
- 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस कार्यक्रम आयोजित।
- स्कूल: पारसनाथ दिगम्बर जैन मध्य विद्यालय, इसरी बाजार।
- शिक्षक-छात्रों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया।
- प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने संविधान का महत्व समझाया।
- संविधान के 100 से अधिक संशोधन और लागू होने की तिथियों पर चर्चा।
- शिक्षक और छात्र-छात्राएं पूरी तरह से उपस्थित और सक्रिय।
गिरिडीह के उपायुक्त के निर्देशानुसार 26 नवंबर को पारसनाथ दिगम्बर जैन मध्य विद्यालय, इसरी बाजार में संविधान दिवस बड़े उत्साह और अनुशासन के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राओं ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और संविधान के महत्व को समझा। प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव है। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है और यह विविधता में एकता बनाए रखने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
शिक्षकों ने दी संविधान की जानकारी
विद्यालय के शिक्षक नेम कुमार जैन ने संविधान से संबंधित ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण तिथियों का स्मरण करते हुए छात्रों को बताया कि संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। उन्होंने छात्रों को संविधान के मूल अधिकारों, नागरिकों के कर्तव्यों और समाज में समानता के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शिक्षक ने बताया कि अब तक संविधान में 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जो देश की बदलती आवश्यकताओं और सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप समय-समय पर लागू किए गए।
प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने अपने संबोधन में कहा:
“संविधान हमें केवल अधिकार ही नहीं देता, बल्कि हमें अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है। हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान की मूल भावना को जीवन में उतारें और इसे समाज में प्रसारित करें।”
छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में शिक्षक अशोक कुमार सिन्हा, नेम कुमार जैन, अंकित जैन, महेश साव, राजेश कुमार ठाकुर, महेश कुमार, जितेन्द्र प्रसाद, शक्ति प्रसाद महतो, मनोरमा कुमारी और ममता कुमारी उपस्थित रहे। सभी छात्र-छात्राएं भी इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक शामिल हुए और संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस अवसर पर छात्रों ने संविधान के विभिन्न हिस्सों, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के महत्व पर चर्चा की और इसे अपने जीवन में लागू करने की प्रतिज्ञा ली।
विद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक वाचन तक सीमित नहीं रहा। इसके माध्यम से छात्रों और शिक्षकों ने संविधान के आदर्शों, लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों को समझा। कार्यक्रम के दौरान अनुशासन और सौहार्द का माहौल बना रहा, जिससे यह निश्चित हुआ कि छात्रों में संविधान के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़े।

न्यूज़ देखो: गिरिडीह में छात्र-शिक्षक मिलकर संविधान के आदर्शों को समझने में हुए सक्रिय
यह आयोजन दर्शाता है कि विद्यालय स्तर पर संविधान दिवस मनाना युवाओं में लोकतांत्रिक चेतना और जिम्मेदारी की भावना पैदा करता है। शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित हुआ कि संविधान के संदेश का प्रभाव व्यापक रूप से फैल सके। इस तरह के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को न केवल अपने अधिकारों बल्कि अपने कर्तव्यों की भी स्मृति दिलाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संविधान के आदर्श अपनाएँ और नागरिक जिम्मेदारी निभाएँ
संविधान दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी जिम्मेदारी केवल अधिकारों तक सीमित नहीं है। युवा और नागरिकों को चाहिए कि वे संविधान के आदर्शों का पालन करें, समाज में समानता और न्याय की भावना बनाए रखें, और लोकतांत्रिक मूल्यों को फैलाने में योगदान दें। इस अवसर पर अपनी राय साझा करें, इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ और संविधान के महत्व को समझने और समझाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ।





