Simdega

शंख नदी छठ घाट पर निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार: संस्थान के प्रयास से चमकने लगा संगम तट

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#सिमडेगा #छठ_घाट : संगम तट पर जारी है गार्डवाल और सड़क निर्माण का कार्य।
  • शंख नदी छठ घाट पर प्रतिदिन दर्जनों बालू लदे ट्रैक्टरों से हो रहे नुकसान की भरपाई हर वर्ष संस्थान करता है।
  • उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षक के निरीक्षण के बाद 40 फीट गार्डवाल बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ।
  • दो किलोमीटर कालीकरण सड़क निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जबकि एक किलोमीटर पीसीसी पथ पहले ही बन चुका है।
  • निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए श्री राकेश सिंह और अक्षय कुमार की देखरेख में हो रहा है काम।
  • 23 अक्टूबर से घाट क्षेत्र में सफाई, झाड़ी कटाई और पार्किंग क्षेत्र की मरम्मत का कार्य प्रारंभ होगा।

सिमडेगा जिले के शंख नदी संगम तट स्थित छठ घाट पर इन दिनों निर्माण कार्य जोरों पर है। वर्षों से घाट पर बालू लदे ट्रैक्टरों के लगातार आवागमन से घाट को जो क्षति पहुंचती थी, उसकी भरपाई हर साल संस्थान को करनी पड़ती थी। लेकिन इस वर्ष प्रशासनिक सहयोग से घाट के स्थायी सुधार का कार्य शुरू किया गया है।

प्रशासन के निरीक्षण के बाद शुरू हुआ गार्डवाल निर्माण

हाल ही में उपायुक्त महोदया और आरक्षी अधीक्षक ने घाट का निरीक्षण किया था, जिसके बाद घाट के संरक्षण के लिए 40 फीट गार्डवाल बनाए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। इस निर्माण कार्य को वर्तमान में तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है ताकि आगामी छठ पर्व तक घाट सुरक्षित और सुंदर रूप में तैयार हो सके।

संस्थान के सदस्य श्री प्रदीप केसरी ने बताया कि घाट की मजबूती और स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यों में गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है।

श्री प्रदीप केसरी ने कहा: “हमारा प्रयास है कि इस बार छठव्रतियों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और सुंदर घाट मिले। किसी प्रकार की लापरवाही या घटिया सामग्री का उपयोग नहीं होने दिया जाएगा।”

दो किलोमीटर सड़क का कालीकरण और पीसीसी पथ पूरा

घाट तक पहुंचने वाली सड़क को सुविधाजनक बनाने के लिए दो किलोमीटर कालीकरण सड़क निर्माण का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। इससे पहले एक किलोमीटर पीसीसी पथ का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
इन कार्यों की नियमित समीक्षा संस्थान के सदस्यों द्वारा की जा रही है, ताकि तय समय में गुणवत्तापूर्ण ढंग से सभी कार्य पूरे हो सकें।

संस्थान के प्रमुख सदस्यों में श्री विष्णु प्रसाद, फनी भूषण शाहा, विनोद अग्रवाल, चंदन दुर्गा प्रसाद, श्री लाल, दीपक अग्रवाल और संजय मिश्रा शामिल हैं, जो प्रतिदिन कार्य की निगरानी में लगे हैं।

सफाई और तैयारी कार्य भी शुरू होगा

संस्थान ने घोषणा की है कि 23 अक्टूबर से छठ घाट परिसर में गाड़ी पार्किंग की सफाई, झाड़ी कटाई, पेड़ों की टहनियां छांटने और माटी भराई जैसे कार्य शुरू किए जाएंगे। यह कार्य पहाड़ टोली से घाट तक किया जाएगा ताकि आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

43 वर्षों की तपस्या से साकार हुआ सपना

संस्थान के संस्थापक श्री प्रदीप केसरी ने बताया कि स्वर्ण नदी छठ घाट संस्थान के 43 वर्षों की निरंतर तपस्या और प्रयास के बाद आज घाट के स्थायी विकास का सपना साकार हो रहा है।

श्री केसरी ने कहा: “हम जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने हमारे वर्षों पुराने सपने को साकार करने में सहयोग दिया। अब यह घाट आने वाले दशकों तक श्रद्धालुओं की सेवा करेगा।”

न्यूज़ देखो: जनसहयोग और प्रशासनिक समन्वय की मिसाल

शंख नदी छठ घाट का यह विकास कार्य एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि जब जनसहयोग और प्रशासनिक इच्छाशक्ति मिलती है, तो स्थायी बदलाव संभव है। संस्था और प्रशासन के तालमेल से घाट क्षेत्र का स्वरूप बदल रहा है, जो पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वच्छ घाट और संगठित समाज से बनेगा बेहतर कल

छठ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने की परंपरा है। जब जनता अपने घाटों, सड़कों और परिवेश की जिम्मेदारी खुद लेती है, तो विकास अपने आप आगे बढ़ता है।
अब समय है कि हर नागरिक अपने क्षेत्र की सफाई, संरक्षण और सौंदर्यीकरण में योगदान दे। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और मिलकर छठ पर्व को स्वच्छता और समर्पण का प्रतीक बनाएं।

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Birendra Tiwari

कोलेबिरा, सिमडेगा

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