
#झारखंड #शिक्षक_बहाली : विधायक नागेंद्र महतो ने विधानसभा में सरकार से प्रक्रियागत न्याय की मांग उठाई
- विशेष सहायक शिक्षक बहाली को लेकर विवाद बढ़ा।
- JET परीक्षा के बिना बहाली रद्द करने की मांग।
- प्रशिक्षित युवाओं ने कहा—यह अवसर छीनने जैसा।
- विधायक नागेंद्र महतो ने विधानसभा में निवेदन सौंपा।
- मूल झारखंडी युवाओं को बराबर अवसर देने की मांग।
झारखंड में विशेष सहायक शिक्षक बहाली को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हजारों प्रशिक्षित युवाओं ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि JET (Jharkhand Eligibility Test) आयोजित किए बिना बहाली शुरू करना उनके हक और भविष्य के साथ सीधा अन्याय है। इसी मुद्दे को लेकर बगोदर के विधायक नागेंद्र महतो ने विधानसभा में औपचारिक निवेदन पत्र सौंपते हुए सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। युवाओं का कहना है कि बहाली तभी शुरू होनी चाहिए जब पहले JET परीक्षा आयोजित कराई जाए, ताकि सभी प्रशिक्षित और मूल झारखंडी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिल सके।
JET परीक्षा के बिना बहाली—युवाओं का भविष्य संकट में
राज्य के प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि वे वर्षों से शिक्षक नियुक्ति के लिए JET परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। प्रशिक्षित डिग्री, प्रशिक्षण प्रमाणपत्र और तैयारी के बावजूद यदि बहाली सीधे बिना परीक्षा के हो जाती है तो उनकी मेहनत, योग्यता और प्रतिस्पर्धा का मूल्य शून्य हो जाएगा। युवाओं ने इसे “अधिकार छीनने” जैसा बताया है।
उनका मानना है कि JET परीक्षा राज्य की पारदर्शी और योग्यता-आधारित नियुक्ति प्रक्रिया की पहचान रही है। ऐसे में इसे दरकिनार करना न केवल नियमों के विपरीत है, बल्कि प्रशिक्षित बेरोजगारों के भविष्य को भी जोखिम में डालता है।
विधायक नागेंद्र महतो ने विधानसभा में उठाई आवाज
बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने सरकार को सौंपे अपने निवेदन में स्पष्ट कहा है कि बिना JET परीक्षा के की जा रही विशेष सहायक शिक्षक बहाली से झारखंड के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने मांग की कि—
“राज्य सरकार पहले JET परीक्षा आयोजित कराए, उसके बाद ही बहाली प्रक्रिया आगे बढ़ाए, ताकि सभी प्रशिक्षित और मूल झारखंडी युवक-युवतियों को समान अवसर मिल सके।”
उन्होंने विधानसभा के माध्यम से जोर देकर कहा कि यह मामला केवल नियुक्ति का नहीं, बल्कि युवा अधिकार, समानता और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा है।
प्रशिक्षित युवाओं की नाराज़गी और बढ़ती चिंता
प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का कहना है कि कई वर्षों से वे शिक्षक नियुक्ति की तैयारी कर रहे हैं, और JET परीक्षा को हटा देने या न कराने की कोशिश उनके करियर पर गहरा असर डाल सकती है। युवाओं ने सरकार से मांग की है कि—
- नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और समान अवसर आधारित हो।
- JET परीक्षा अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए।
- प्रशिक्षित एवं मूल झारखंडी युवाओं का प्रतिनिधित्व सुरक्षित हो।
युवाओं का प्रश्न—“बिना परीक्षा कैसे तय होगी योग्यता?”
अभ्यर्थियों का कहना है कि बिना परीक्षा के नियुक्ति प्रक्रिया योग्यता की बजाय अन्य कारकों पर आधारित होने का खतरा बढ़ा देती है। इससे न तो शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और न ही मेहनत करने वाले युवाओं की प्रतिभा का मूल्यांकन सही तरीके से हो पाएगा।

न्यूज़ देखो: शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण
शिक्षा व्यवस्था की नींव सक्षम और योग्य शिक्षकों पर टिकी होती है। इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया का पारदर्शी, न्यायसंगत और योग्यता-आधारित होना अत्यंत आवश्यक है। JET परीक्षा जैसे तंत्र इस पारदर्शिता का आधार हैं। सरकार और युवाओं के बीच संवाद से इस विवाद का समाधान निकल सकता है।
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शिक्षक बहाली केवल नौकरी का मुद्दा नहीं, बल्कि झारखंड के भविष्य का सवाल है। आप भी पारदर्शी प्रक्रिया का समर्थन करें, अपनी राय साझा करें और युवाओं की आवाज को आगे बढ़ाएं। खबर को शेयर करें, कमेंट करें और न्यायपूर्ण बहाली की इस मुहिम में शामिल हों।





