#लातेहार #आवासीयविद्यालयहिंसा : अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय में रसोइया पर छात्र को गंभीर रूप से पीटने का आरोप — गोबर फेंकने से इनकार करने पर दी गई क्रूर सज़ा, परिवार और अभिभावकों में आक्रोश
- होटवाग के आवासीय विद्यालय में छात्र की बेरहमी से पिटाई का मामला
- रसोइया ने बच्चों से पिटवाया, फिर खुद पैरों से मारा
- छात्र को खून की उल्टी और पेट में गंभीर चोट, मेदिनीनगर में इलाज
- अभिभावकों ने स्कूल परिसर में किया हंगामा, कार्रवाई की मांग
- रसोइया ने मारपीट के आरोप को बताया बेबुनियाद
छात्र को गोबर फेंकने से इनकार करना पड़ा महंगा
लातेहार: जिले के होटवाग स्थित अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसमें रसोइया पर छात्र की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित छात्र को गंभीर हालत में मेदिनीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
परिजनों का आरोप है कि रसोइया ने छात्र से गोबर फेंकने को कहा, लेकिन मना करने पर अन्य छात्रों से उसकी पिटाई करवाई, फिर खुद भी पैरों से पीटा। इसके कारण छात्र को पेट में गंभीर चोटें आईं और खून की उल्टी शुरू हो गई।
अभिभावकों ने स्कूल में किया जमकर हंगामा
घटना की जानकारी मिलते ही छात्र के परिजन और अन्य अभिभावक विद्यालय पहुंचे और स्कूल परिसर में जमकर बवाल किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है, रसोइया पहले भी कई बच्चों के साथ मारपीट कर चुकी है।
ललिता देवी (छात्र की दादी) ने बताया: “रसोइया ने पहले बच्चों से पोते की पिटाई करवाई, फिर खुद ने पैरों से मारा। पेट में चोट लगने से खून की उल्टी होने लगी।”
स्कूल में सुविधाओं का अभाव, बच्चों से करवाए जाते निजी काम
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि रसोइया विद्यालय परिसर में गाय, बकरी और मुर्गी पालती है, और बच्चों से उनका देखभाल करवाती है। स्कूल में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है और बच्चों को ज़रूरी चीज़ें अभिभावक ही उपलब्ध कराते हैं।
एक अभिभावक ने कहा कि बच्चों से जबरन काम करवाया जाता है और मन करने पर उन्हें शारीरिक दंड दिया जाता है, जिससे वे मानसिक रूप से भी प्रभावित हो रहे हैं।
प्रधानाध्यापक ने दी जांच की बात
प्रधानाध्यापक सुकन सिंह ने कहा कि उन्हें अब तक इस प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि अब जब मामला उनके संज्ञान में आया है, तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
रसोइया ने आरोपों को बताया निराधार
इस मामले में रसोइया कुना देवी ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी छात्र को नहीं मारा। बच्चे आपस में झगड़ रहे थे, और उन पर आरोप बेबुनियाद हैं।
न्यूज़ देखो: छात्र सुरक्षा पर उठते गंभीर सवाल
लातेहार की यह घटना झारखंड के आवासीय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अगर रसोइया जैसी जिम्मेदार भूमिका में बैठा व्यक्ति हिंसा पर उतर आए, तो ऐसे संस्थानों में बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे मामलों को उजागर कर व्यवस्था की जवाबदेही तय करने की कोशिश करता रहेगा।
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संवेदनशील बनें, बच्चों की आवाज़ बनें
अब वक्त आ गया है कि हम मिलकर शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अगर आप भी बच्चों के साथ किसी अन्याय के गवाह हैं, तो आवाज उठाएं। इस खबर को साझा करें, रेट करें और कमेंट में अपनी राय जरूर दें।
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