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लातेहार के गारू प्रखंड में SLRM और पशुपालन योजनाओं को लेकर समन्वय बैठक आयोजित

#लातेहार #SLRM_पशुपालन — प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा और पर्यावरणीय दिशा में ठोस पहल

  • गारू प्रखंड सभागार में आयोजित हुई प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति की बैठक
  • SLRM कार्यक्रम और पशुपालन के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर
  • विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय से योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश
  • पशुपालन पदाधिकारी ने मुखियों से FMD और LSD टीकाकरण में सहयोग मांगा
  • अपशिष्ट प्रबंधन के लिए हरे और लाल डस्टबिन के उपयोग पर दिया गया जोर
  • बैठक में प्रखंड प्रमुख, थाना प्रभारी, बैंक अधिकारी समेत सभी विभागीय पदाधिकारी रहे मौजूद

योजनाओं के लक्ष्य और उपलब्धियों पर गहन समीक्षा

08 मई 2025 को गारू प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी अभय कुमार की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति, SLRM और पशुपालन योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मनरेगा, आवास, समाज कल्याण समेत कई विभागों द्वारा वर्तमान योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बीडीओ ने सभी विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आपसी तालमेल से योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, ताकि ज़मीनी स्तर पर लाभ मिल सके।

पशुपालन विभाग का फोकस : अधिक से अधिक पशुओं का टीकाकरण

बैठक में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी ने सभी पंचायत मुखियों से आग्रह किया कि पशुपालकों को FMD और LSD टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें

“देश और समाज के हित में ज़्यादा से ज़्यादा पशुओं का टीकाकरण जरूरी है,”
— प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी

इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया गया कि FMD और LSD जैसी बीमारियां पशुधन के लिए घातक होती हैं, और इनके टीकाकरण से क्षेत्र की पशुधन सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

SLRM के तहत स्वच्छता और हरियाली की दिशा में ठोस कदम

प्रखंड में सॉलिड और लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (SLRM) कार्यक्रम के अंतर्गत वैज्ञानिक तरीके से अपशिष्ट प्रबंधन को अपनाने की पहल जारी है।

बैठक में दुकानदारों और आम जनता को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने की जानकारी दी गई।
हरी डस्टबिन में गीला कचरा (जैसे कि भोजन, सब्जी छिलके आदि) और लाल डस्टबिन में सूखा कचरा (प्लास्टिक, कागज आदि) डालने का सुझाव दिया गया, ताकि कचरे का पुनर्चक्रण या खाद उत्पादन के रूप में उपयोग संभव हो सके।

पर्यावरण के हित में तकनीकी विधियों को अपनाने की अपील

बैठक में यह संदेश भी दिया गया कि प्रखंड को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए ठोस और तरल कचरे के निपटान की तकनीकी विधियों को अपनाना अनिवार्य है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचा जा सकेगा।

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