कोर्ट के फैसले से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव, अप्रैल तक होगी 26 हजार शिक्षकों की बहाली

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णय का असर

झारखंड में 26,001 सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के हालिया फैसलों के बाद राज्य सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं। इस सप्ताह स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें इन आदेशों के प्रभावों की समीक्षा की जाएगी।

सरकार ने अप्रैल 2025 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है, जिससे कि नया शैक्षणिक सत्र सुचारू रूप से शुरू किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 20,000 से अधिक अभ्यर्थी होंगे प्रभावित

9 साल बाद हो रही शिक्षकों की नियुक्ति

झारखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पिछली बार 2015 में आवेदन मांगे गए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उस समय शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन 2015 के बाद रिक्त पदों पर कोई बहाली नहीं हुई।

अब 9 साल बाद नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार की उम्मीद है।

50 हजार में पहले चरण में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति

राज्य में सहायक आचार्य के 50,000 पद सृजित किए गए हैं। इनमें से पहले चरण में 26,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि शेष 24,000 शिक्षकों की नियुक्ति दूसरे चरण में होगी।

दूसरे चरण की नियुक्ति से पहले झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) आयोजित की जाएगी, ताकि योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो सके।

छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार की जरूरत

केंद्र सरकार की रिपोर्ट (2023-24) के अनुसार, झारखंड में 35 छात्रों पर एक शिक्षक है, जो देश के सबसे खराब अनुपातों में से एक है। नई नियुक्तियों के बाद इस स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

पारा शिक्षकों के लिए 13,000 पद आरक्षित

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