
#गुमला #गोकशी : पंचायत बैठक में पांच आरोपी नामजद, पुलिस जांच में जुटी
- कटारी गांव में गोवंश की हत्या का मामला आया सामने।
- गणेश चतुर्दशी के दिन हुई घटना से हिंदू समुदाय आक्रोशित।
- पंचायत बैठक में 5 आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर पंचनामा में दर्ज कराया।
- ग्रामीणों ने इसे धार्मिक आस्था से खिलवाड़ बताया।
- पुलिस ने आवेदन मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया।
कटारी गांव (गुमला) में बुधवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब ग्रामीणों ने गोकशी की घटना का खुलासा किया। बताया जा रहा है कि गांव में गोवंशीय पशु की हत्या कर उसका मांस आपस में बांटने और बेचने की तैयारी की जा रही थी। यह घटना ठीक गणेश चतुर्दशी के दिन हुई, जिससे हिंदू समुदाय की भावनाएं गहराई से आहत हुई हैं।
पंचायत बैठक में बुलाए गए आरोपी और स्वीकारोक्ति
ग्रामीणों के विरोध के बाद तत्काल आपात पंचायत बैठक बुलाई गई। बैठक में गणेश लोहरा, आनंद लकड़ा, सतनम लोहरा, कमल महली और अशोक महली को बुलाया गया। पंचों ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने गोकशी की बात स्वीकार कर ली। आरोपियों ने लिखित रूप से भी बयान दिया जिसे पंचों ने अपने रजिस्टर में दर्ज कर लिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह कृत्य केवल कानूनन अपराध नहीं, बल्कि धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात है।
धार्मिक आस्था से खिलवाड़ और गुस्से का माहौल
इस घटना के बाद कटारी और आसपास के इलाकों में गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि टांगीनाथ धाम के समीप गणेश चतुर्दशी जैसे पावन पर्व पर गोकशी किया जाना हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ है। पंचायत बैठक में सर्वसम्मति से इस घटना की निंदा की गई और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई गई।
पुलिस को सौंपा गया आवेदन
घटना की जानकारी मिलने पर गुरुवार को ग्रामीण प्रतिनिधियों ने डुमरी थाना प्रभारी अनुज कुमार को लिखित आवेदन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस पहले गांव पहुंची थी, लेकिन उसने औपचारिक आवेदन देने को कहा। इसके बाद पंचों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन और सभी तथ्य पुलिस को उपलब्ध कराए गए।
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई का भरोसा
डुमरी थाना प्रभारी अनुज कुमार ने पुष्टि की कि ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा –
अनुज कुमार: “मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी छानबीन की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों की मांग और सामाजिक चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उनका स्पष्ट मत है कि दोषियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिससे भविष्य में कोई भी इस प्रकार की हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
न्यूज़ देखो: आस्था और कानून से जुड़ा मामला, प्रशासन की सख्ती जरूरी
कटारी गांव की घटना केवल कानून तोड़ने की नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा पर चोट की भी है। इस तरह की घटनाएं सामाजिक तनाव को बढ़ाती हैं। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करे ताकि क्षेत्र में शांति और आपसी सौहार्द बना रहे।
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सामाजिक सौहार्द बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी
गोकशी जैसे अपराध न केवल कानूनी अपराध हैं बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत करते हैं। अब समय है कि हम सब समाज में शांति और भाईचारे को बनाए रखने में अपना योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।