
#रांची #साइबर_ठगी : ईडी का नाम लेकर डराया, डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी — झारखंड CID की साइबर टीम की बड़ी सफलता
- व्हाट्सएप कॉल पर ईडी अफसर बनकर एक करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपए की ठगी
- महिला समाज कल्याण समिति के नाम पर बैंक खाता खोल कर ठगी की रकम ट्रांसफर
- चार दिन में 3.10 करोड़ से ज्यादा की राशि एक ही अकाउंट में जमा
- देशभर में 27 शिकायतें, जम्मू-कश्मीर से तमिलनाडु तक फैला साइबर ठगी का नेटवर्क
- हिमाचल, तेलंगाना और मिजोरम से तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार
एक करोड़ से ज्यादा की ठगी, डर का बना हथियार
रांची के CID साइबर क्राइम थाना में 14 मई 2025 को दर्ज मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश से एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया गया है।
अभियुक्त ने व्हाट्सएप कॉल कर खुद को ईडी अधिकारी बताया और पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
डर और भ्रम का माहौल बनाकर डिजिटल अरेस्ट की स्थिति पैदा की गई और पीड़ित से एक करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
महिला समिति के नाम पर चल रहा था ठगी का खेल
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि गिरफ्तार साइबर अपराधी ने महिला समाज कल्याण समिति के नाम से YES बैंक में खाता खोला था।
इस खाते में देशभर के ठगे गए पीड़ितों से मोटी रकम जमा कराई जाती थी, ताकि आगे दूसरे खातों में ट्रांसफर की जा सके।
पिछले चार दिनों में ही इस खाते में 3.10 करोड़ रुपए क्रेडिट हुए, जो ठगी के नेटवर्क की गहराई को दर्शाता है।
देशभर में फैला साइबर अपराधियों का जाल
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस एक खाते से जुड़ी 27 शिकायतें दर्ज हैं।
हरियाणा, केरल, राजस्थान, असम, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और तेलंगाना जैसे राज्यों के लोग इस गिरोह का शिकार बने हैं।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पैन इंडिया नेटवर्क के तौर पर ठगी को अंजाम दे रहा था।
गिरफ़्तारी और सबूत बरामद
इस कांड में अभी तक तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
- सुभाष चंद्र उर्फ सुभाष शर्मा को हिमाचल प्रदेश से
- बी इशाक अहमद को तेलंगाना से
- लालडूसंगा को मिजोरम से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
इनके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम और आधार कार्ड जब्त किए गए हैं।
न्यूज़ देखो: तकनीक के नाम पर चल रही ठगी पर करारा प्रहार
न्यूज़ देखो यह मानता है कि तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर अपराधियों का नेटवर्क भी खतरनाक रूप से फैला है।
लेकिन झारखंड CID की साइबर टीम ने इस हाई-प्रोफाइल ठगी के मामले में तेज और प्रभावी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की लूट का पर्दाफाश किया है।
जनता को डराकर ठगी करने वाले गिरोहों पर ऐसी सख्त कार्रवाई डिजिटल भारत को सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
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