
#डुमरी #सेवाकाअधिकार : पंचायत डुमरी और जामतारा में आयोजित शिविर में योजनाओं के आवेदन, समाधान और जागरूकता का मिला संदेश
- डुमरी–जामतारा पंचायत में सेवा का अधिकार सप्ताह के तहत शिविर आयोजित।
- कार्यक्रम में डीआरडीए डायरेक्टर रंतू महतो, बीडीओ–सीओ शशि भूषण वर्मा, डुमरी प्रमुख उषा देवी समेत कई पदाधिकारी उपस्थित।
- ग्रामीणों के सभी योजनाओं के आवेदन स्वीकार, मईया सम्मान योजना का पोर्टल न खुलने से हल्की निराशा।
- सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के लाभ और महत्व की जानकारी दी गई।
- झारखंड सरकार की पहल को लेकर ग्रामीणों में संतोष और उत्साह देखा गया।
डुमरी प्रखंड के पंचायत डुमरी और जामतारा में सोमवार को सेवा का अधिकार सप्ताह के अंतर्गत “आपकी योजना–आपकी सरकार–आपके द्वार” कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीणों के लिए बड़े अवसर के रूप में सामने आया। शिविर का उद्देश्य पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं और सेवाओं को त्वरित, सरल और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाना रहा। सुबह से ही विभिन्न गांवों से पहुंचे लोग योजनाओं, प्रमाण पत्रों और सहायता सेवाओं के लिए स्टॉलों पर कतार में दिखाई दिए।
कार्यक्रम में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
शिविर में सबसे पहले जिला डीआरडीए डायरेक्टर रंतू महतो ने उपस्थित ग्रामीणों से संवाद किया और कार्यक्रम की व्यवस्था का जायजा लिया। उनके साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी शशि भूषण वर्मा, डुमरी प्रमुख उषा देवी, युवा कांग्रेस जिला महासचिव गुड्डू मलिक, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष नागेश्वर मंडल, झामुमो नेता राजकुमार पांडे, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कारी बरकत अली, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याओं तथा आवेदन प्रक्रियाओं की जानकारी ली, जिससे लोगों का विश्वास और बढ़ा।
योजनाओं के आवेदन स्वीकृत, मईया सम्मान योजना में तकनीकी अड़चन
शिविर में कर्मचारियों द्वारा विभिन्न प्रमाण पत्रों और योजना-आवेदनों को स्वीकार किया गया। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेंशन तथा अन्य योजनाओं से जुड़ी प्रक्रियाएं बिना किसी बाधा के पूरी की गईं।
हालांकि, मईया सम्मान योजना के पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से ग्रामीणों को इसका ऑनलाइन पंजीकरण नहीं मिल पाया। बावजूद इसके कर्मचारियों ने उनके आवेदन पत्र जमा कर लिए और जल्द समाधान का भरोसा दिया। ग्रामीणों ने राहत जताई कि आवेदन कम से कम जमा हो गया है और बाद में प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 की विस्तृत जानकारी दी गई
शिविर में ग्रामीणों को सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। यह अधिनियम, जो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक माना जाता है, आम जनता को समयबद्ध सेवा और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
अधिकारियों ने कहा कि अब किसी नागरिक को प्रमाण पत्र या सेवा के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। निर्धारित समयावधि में सेवा उपलब्ध कराना सरकारी विभागों की कानूनी जिम्मेदारी है। ग्रामीणों ने इस पहल को अत्यंत उपयोगी बताते हुए संतोष व्यक्त किया।
ग्रामीणों ने सराहा सरकार की पहल
कार्यक्रम में आए लोगों ने बताया कि पंचायत स्तर पर ऐसे शिविर से उन्हें काफी सुविधा मिलती है। एक ही जगह पर योजनाओं, प्रमाण पत्रों और सरकारी सहायता से जुड़ी सभी आवश्यकताओं का निपटारा होना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राहत की बात है।
लोगों ने कहा कि अगर ऐसे शिविर लगातार होते रहें, तो गांवों में सेवा उपलब्धता की समस्याएं काफी हद तक खत्म हो जाएंगी।



न्यूज़ देखो: सेवा का अधिकार सप्ताह ने बदली पंचायत की तस्वीर
डुमरी और जामतारा पंचायत में आयोजित यह शिविर साबित करता है कि जब प्रशासन गांवों तक सक्रिय रूप से पहुंचता है, तो योजनाएं अधिक प्रभावी और परिणामकारी बनती हैं। तकनीकी समस्याओं के बावजूद आवेदन स्वीकार कर लेना प्रशासन की संवेदनशीलता दर्शाता है।
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जिम्मेदारी निभाने का समय, बदलाव की ओर कदम
सेवा का अधिकार सप्ताह केवल कागजी मुहिम नहीं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने का प्रयास है। जरूरत है कि हम नागरिक भी जागरूक रहें, समय पर आवेदन करें और अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी समझें।
अब आपकी बारी—इस पहल पर अपनी राय कमेंट में लिखें, खबर को साझा करें और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि ग्रामीण विकास की यह श्रृंखला और मजबूत हो सके।





