
#गढ़वा #वित्तीय_जागरूकता : जिले में आयोजित विशेष शिविर में निष्क्रिय खातों को सक्रिय कर लाभुकों तक राशि पहुंचाने की पहल तेज हुई
- गढ़वा में आयोजित अनक्लेम्ड डिपॉजिट शिविर का शुभारंभ उपायुक्त दिनेश यादव ने किया।
- जिले के 38269 खातों में 22.89 करोड़ रुपये की निष्क्रिय राशि चिन्हित की गई है।
- आरबीआई के अभियान के तहत 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक देशभर में शिविर आयोजित।
- मौके पर ही 18 लाभुकों को अनक्लेम्ड राशि से संबंधित प्रमाण पत्र सौंपे गए।
- कार्यक्रम में एलडीएम सत्यदेव कुमार रंजन, डीडीएम नाबार्ड डी.टी. लुगुण, इमेनुअल तिग्गा, राजा सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
गढ़वा जिले में Department of Financial Services (DFS) के निर्देश पर निष्क्रिय खातों से संबंधित राशियों को उनके वास्तविक हकदारों तक पहुंचाने के लिए एक विशेष शिविर आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम स्थानीय उत्सव गार्डन, कचहरी रोड में जिला अग्रणी बैंक द्वारा संचालित था। भारत सरकार और आरबीआई के राष्ट्रीय अभियान के तहत आयोजित इस शिविर का उद्देश्य लोगों को उनके भूले हुए बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों और अन्य वित्तीय दावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित कराना था। शिविर में कई लाभुक पहुंचे और मौके पर ही संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर निकासी प्रक्रियाएं पूरी की गईं।
अभियान का उद्देश्य और महत्व
इस राष्ट्रीय अभियान का लक्ष्य करोड़ों रुपये की निष्क्रिय वित्तीय संपत्तियों को जनता तक वापस पहुंचाना है। गढ़वा जिले में कुल 38269 निष्क्रिय खातों की पहचान की गई है, जिनमें 22.89 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वर्षों से अटकी हुई है।
उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा: “आपकी पूंजी आपका अधिकार है। लोगों को अपनी भूली हुई वित्तीय संपत्तियों को ढूंढकर क्लेम करना चाहिए, ताकि उनका आर्थिक सशक्तिकरण हो सके।”
उन्होंने बताया कि कई लोग अपनी पुरानी पॉलिसियों, बैंक खातों और डिविडेंड जैसी संपत्तियों को भूल जाते हैं, जिससे वर्षों तक उनकी राशि निर्थक पड़ी रहती है। इस अभियान का लक्ष्य इस राशि को पुनः उनके हाथों में पहुंचाना है।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियां
कार्यक्रम में बैंक प्रतिनिधियों ने लोगों को बताया कि वे किस प्रकार अपने निष्क्रिय खातों, बीमा क्लेम, पेंशन या अन्य वित्तीय दावों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। शिविर में आए कई लाभुकों को मौके पर ही आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद अनक्लेम्ड डिपॉजिट प्रमाण पत्र सौंपे गए। कुल 18 लाभुकों को तुरंत लाभ दिया गया।
इसके अलावा डिजिटल लेनदेन में बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए जागरूकता भी फैलाई गई। लोगों को सुरक्षित लेनदेन, पासवर्ड सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में बताया गया।
अधिकारियों की सहभागिता और निर्देश
शिविर में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें एलडीएम सत्यदेव कुमार रंजन, डीडीएम नाबार्ड डी.टी. लुगुण, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक इमेनुअल तिग्गा, तथा राजा सिंह शामिल थे। सभी अधिकारियों ने निष्क्रिय खातों के जल्द निपटान पर जोर देते हुए शाखाओं को व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्देश दिया।
शिविर में उपायुक्त ने सभी बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि लाभुकों को उनके पैसे दिलाने में किसी प्रकार की देरी न हो। सभी शाखाओं को निष्क्रिय खाते खोजने और लाभुकों से संपर्क करने के लिए विशेष टीम बनाने का आग्रह भी किया गया।
जिले में आगे की कार्ययोजना
जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर 2025 तक पूरे जिले में लगातार ऐसे जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। सभी पंचायत भवनों, बैंकों और सामुदायिक स्थानों पर नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि लोग अपने पुराने खातों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।



न्यूज़ देखो: जनता की भूली हुई पूंजी जगाने की पहल
गढ़वा में आयोजित यह शिविर दिखाता है कि सरकार और बैंक मिलकर लोगों की वर्षों पुरानी निष्क्रिय संपत्तियों को लौटाने के लिए गंभीर हैं। यह अभियान न केवल वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है, बल्कि बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास भी मजबूत करता है। लाखों-करोड़ों रुपये, जो वर्षों से बंद खातों में फंसे थे, अब अपने असली हकदारों तक पहुंच सकते हैं।
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अब आपकी जागरूकता बदल सकती है आपकी आर्थिक तस्वीर
आज जब लाखों लोग अपनी ही जमा राशि से अनजान हैं, ऐसे में जागरूक रहना और अपनी वित्तीय जानकारी सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। अगर आपके पास भी कोई पुराना बैंक खाता, बीमा पॉलिसी या निवेश है, जिसका वर्षों से उपयोग नहीं हुआ — तो यह सही समय है उसे जांचने का।
अपनी आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करें, दूसरों को जागरूक करें,
और बताइए — क्या आप भी ऐसे किसी खाते या पॉलिसी के बारे में जानते हैं जिसे क्लेम करने की जरूरत है?
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