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पलामू किला मेला देखने उमड़ी भीड़, कुटमू-बेतला मार्ग पर दिनभर रहा यातायात व्यस्त

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#बरवाडीह #पलामूकिलामेला : छठ पूजा के समापन के बाद पलामू किला और मेला घूमने के लिए उमड़े पर्यटक – बेतला रोड पर दिखा भारी ट्रैफिक
  • पलामू किला मेला देखने के लिए आज से उमड़ी भारी भीड़।
  • कुटमू-बेतला मुख्य मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगीं।
  • ईडीसी नाका टेढ़ा पोल पर पर्यटकों से लिया गया तय शुल्क।
  • इको विकास समिति के सदस्यों ने किला परिसर की सफाई हेतु टिकट काटे।
  • दिनभर पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही से क्षेत्र रहा गुलजार।

छठ पूजा के समापन के बाद मंगलवार को पलामू किला मेला देखने के लिए लोगों का उत्साह चरम पर रहा। सुबह से ही पलामू प्रमंडल के विभिन्न जिलों और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में पर्यटक किला परिसर पहुंचने लगे। पूरे दिन कुटमू-बेतला मुख्य मार्ग पर वाहनों की आवाजाही इतनी अधिक रही कि कई जगहों पर ट्रैफिक धीमा पड़ गया।

बेतला रेंज में दिखा उत्सव जैसा माहौल

बरवाडीह प्रखंड के अंतर्गत आने वाले बेतला रेंज के पलामू किला रोड पर सुबह से ही रौनक दिखी। परिवारों के साथ लोग ऐतिहासिक पलामू किला और मेला देखने पहुंचे, जहां हर तरफ लोक परंपरा और उत्सव का माहौल बना रहा। पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए ईको विकास समिति (EDC) के सदस्यों ने टेढ़ा पोल स्थित नाका पर वाहनों की एंट्री टिकट काटने और शुल्क वसूली की व्यवस्था संभाली।

एक समिति सदस्य ने बताया: “यह शुल्क किला परिसर की साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग में लाया जाता है। हर वर्ष मेला के दौरान यहां हजारों लोग आते हैं, इसलिए व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है।”

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से बढ़ी हलचल

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस वर्ष छठ पूजा के तुरंत बाद मेला शुरू होने से पहले ही पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। विशेष रूप से बरवाडीह, लातेहार, डालटनगंज, चंदवा और गढ़वा क्षेत्रों से लोग अपने परिवारों के साथ मेला देखने पहुंचे। कई स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि इस भीड़ से व्यापार में भी रौनक लौट आई है।

बरवाडीह निवासी पंकज सिंह ने कहा: “हर साल छठ के बाद पलामू किला घूमना परंपरा बन गई है। इस बार भी भीड़ पहले से ज्यादा है और व्यवस्था भी काफी अच्छी दिख रही है।”

ईडीसी नाका पर रही लंबी कतारें

टेढ़ा पोल के पास ईडीसी नाका पर टिकट काटने के दौरान काफी भीड़ देखी गई। पर्यटकों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा, जबकि समिति के सदस्य लगातार व्यवस्था बनाए रखने में लगे रहे। तय दरों के अनुसार छोटी और बड़ी गाड़ियों से शुल्क वसूला गया, जिसका उद्देश्य किला परिसर की देखरेख और सफाई कार्य को सुचारू रखना है।

प्रशासन की सतर्क निगरानी

प्रशासन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने और मार्गों को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई। साथ ही स्थानीय वन विभाग के अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था या पर्यावरणीय नुकसान न हो।

न्यूज़ देखो: पर्यटन और परंपरा का संगम बना पलामू किला

हर वर्ष की तरह इस बार भी पलामू किला मेला ने क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को नया जीवन दिया है। यह आयोजन न केवल आस्था का केंद्र बनता है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी प्रोत्साहन देता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संस्कृति और स्वच्छता दोनों की जिम्मेदारी हमारी

ऐतिहासिक धरोहरों की सुंदरता बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। यदि हम पर्यटन का आनंद लेते हैं, तो उसके संरक्षण में भी योगदान देना चाहिए।
इस बार पलामू किला मेला घूमने जाएं, लेकिन स्वच्छता और अनुशासन का पालन अवश्य करें।
अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिले।

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Akram Ansari

बरवाडीह, लातेहार

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