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दीपदान से महागौरी आराधना में उमड़ा जनसैलाब गढ़वा — नवरात्रि महाअष्टमी पर भक्तों ने मां गढ़ देवी मंदिर में की विशेष पूजा

#गढ़वा #महाअष्टमी : दीपदान से महागौरी पूजन में आस्था का ज्वार — मां गढ़ देवी मंदिर और विभिन्न पूजा पंडालों में देर रात तक उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

महाअष्टमी पर महागौरी की विशेष पूजा

गढ़वा में रविवार को नवरात्रि की महाअष्टमी पर मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की भव्य पूजा संपन्न हुई। मान्यता है कि महागौरी की आराधना से आत्मा पाप कर्मों के आवरण से मुक्त होकर शुद्ध और पवित्र बनती है। सुबह से ही भक्तों ने मां गढ़ देवी मंदिर पहुंचकर चुनरी चढ़ाई और पूजा-अर्चना शुरू की। उपवास रखने वाले श्रद्धालु देर रात तक माता का जागरण करते रहे।

दीपदान और संधी पूजा का महत्व

इस बार महाअष्टमी पर 1:44 बजे विशेष महादीपदान किया गया। दीपदान का महत्व खासकर महिलाओं के लिए बताया गया है, क्योंकि संधि पूजा के दौरान दीप प्रज्वलन से परिवार की सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति की कामना की जाती है। गढ़वा के मंदिरों और पूजा पंडालों में संधि पूजा के समय सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

पूरे शहर और गांवों में दिखा उत्साह

केवल गढ़वा नगर ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नवरात्रि की रौनक चरम पर रही। संघत मोहल्ला स्थित मां भवानी संघ, टंडवा का भारत संघ, भागलपुर जय मां शेरावाली संघ, शिव शक्ति संघ और जय माता दी संघ सहित विभिन्न समितियों द्वारा दीपदान और पूजा का आयोजन किया गया। पूजा पंडालों के पट खुलते ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह प्रवचन और भक्ति जागरण भी आयोजित किए गए, जिससे दशहरे का उल्लास और बढ़ गया।

गणमान्य लोगों की उपस्थिति

महाअष्टमी पूजा और दीपदान कार्यक्रम में पुजारी राजन पांडे, रणविजय सिंह, ईश्वर सागर चंद्रवंशी, कंचन साहू, विनोद जयसवाल, जगजीवन बघेल, चिंटू पांडे, अरुण पटवा, अनिल बघेल, राजेश प्रसाद, मधु कुमार, रवि केशरी, अशीष अग्रवाल, हेमेंद्र सिंह, राहुल डिसूजा, ऋषि जसवाल, दीपक सरदार, अस्मित चंद्रवंशी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। उनके साथ स्थानीय संगठनों के सदस्यों और गांव-समाज के लोगों ने भी माता के दरबार में शीश नवाया।

धार्मिक आस्था और सामाजिक एकजुटता

नवरात्रि पर्व के दौरान आयोजित यह दीपदान न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि समाज में एकजुटता और सकारात्मक सोच का प्रतीक भी है। श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ-साथ सामूहिक सहयोग की मिसाल पेश करते हैं। गढ़वा और आसपास के इलाकों में यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूती देता है।

न्यूज़ देखो: आस्था और सहयोग का संगम

गढ़वा महाअष्टमी पर हुआ दीपदान केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में आस्था, सहयोग और सामूहिकता का संदेश है। ऐसे अवसर दिखाते हैं कि श्रद्धा के साथ जुड़कर लोग न केवल अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं बल्कि सामाजिक बंधन भी मजबूत करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सकारात्मक सोच से आगे बढ़े समाज

गढ़वा की इस महाअष्टमी ने दिखा दिया कि जब आस्था और सहयोग एक साथ आते हैं, तो समाज की एकजुटता और भी मजबूत होती है। ऐसे आयोजनों से पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती है। आप भी इस खबर पर अपनी राय कमेंट में साझा करें और इसे दोस्तों व परिवार के साथ जरूर शेयर करें ताकि आस्था और संस्कृति का यह संदेश और दूर तक पहुंचे।

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