
#सिमडेगा #स्थापना_दिवस : कोनबेगी पोढ़ाटोली में देर रात तक चले भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में अतिथियों ने झारखंडी कला-संस्कृति को पहचान बताया
- कोनबेगी पोढ़ाटोली गांव में स्थापना दिवस पर देर रात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।
- मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि अजय एक्का, पंकज टोप्पो, प्रदीप टोप्पो उपस्थित।
- भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण व रिबन काटकर कार्यक्रम की शुरुआत।
- झारखंड के प्रसिद्ध कलाकारों ने गीत-संगीत की शानदार प्रस्तुति दी।
- राजेश कुमार सिंह ने कहा—झारखंड की कला, संस्कृति और गीत-संगीत ही हमारी वास्तविक पहचान।
- आयोजन में दीपक लकड़ा, दानशील एक्का, दशरथ साहू, राकेश सह सहित समिति सदस्यों का योगदान।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सिमडेगा जिले के कोनबेगी पोढ़ाटोली गांव में देर रात तक सांस्कृतिक उमंग का माहौल देखने को मिला। गांव के लोगों और युवाओं ने मिलकर पारंपरिक झारखंडी संस्कृति को मंच पर जीवंत किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण और रिबन काटकर हुई, जिसके बाद जितेंद्र बड़ाईक ने भगवान की वंदना प्रस्तुत करते हुए आयोजन को शुभारंभ कराया। देर रात तक चले इस समारोह ने गांव में स्थापना दिवस की गरिमा को और भी विशेष बना दिया।
मंच पर झारखंडी कलाकारों की धूम
कार्यक्रम में झारखंड के कई प्रमुख कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया। पारंपरिक गीत, आधुनिक झारखंडी संगीत और विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। माहौल पूरी तरह उत्सवमय रहा और हर उम्र के लोग इसमें शामिल हुए।
मुख्य अतिथि ने कहा—कला और संस्कृति ही झारखंड की पहचान
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश मजदूर यूनियन के नेता राजेश कुमार सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि
“हमारी कला, संस्कृति और गीत-संगीत ही झारखंड की असली पहचान है। इसे बचाए रखने के लिए ऐसे आयोजन लगातार होने चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश 25 वर्ष पूरे कर चुका है, लेकिन गरीबी और बुनियादी समस्याएं अभी भी चुनौती बनी हुई हैं, जिसके लिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अधिक है। उन्होंने युवाओं से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और समाज में आगे बढ़कर योगदान देने की अपील की।
अतिथियों के संदेश और स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
जिला परिषद सदस्य अजय एक्का ने भी कार्यक्रम में लोगों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और भगवान बिरसा मुंडा के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। अन्य अतिथियों ने भी झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने की जरूरत पर बल दिया।
आयोजन समिति की अहम भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक लकड़ा, अध्यक्ष दानशील एक्का, सचिव दशरथ साहू, कोषाध्यक्ष राकेश सह सहित आयोजन समिति के सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांव वालों का उत्साह और सहभागिता इस आयोजन की सफलता का मुख्य कारण बना।
न्यूज़ देखो: संस्कृति से संबल पाता झारखंड
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के ग्रामीण इलाकों में होने वाले ऐसे सांस्कृतिक आयोजन सामाजिक पहचान, परंपरा और एकजुटता को मजबूत करते हैं। कोनबेगी पोढ़ाटोली का आयोजन बताता है कि झारखंड की सांस्कृतिक जड़ें कितनी गहरी हैं और लोग इसे संजोने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।
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संस्कृति बचेगी तो पहचान बचेगी
झारखंड की कला, गीत, संगीत और परंपराएं ही इसकी असली शक्ति हैं। ऐसे आयोजनों के माध्यम से नई पीढ़ी न सिर्फ अपनी संस्कृति से जुड़ती है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलती है। आइए, हम सब मिलकर अपनी विरासत को सहेजें और जागरूकता फैलाने के लिए इस खबर को शेयर करें।





