
#विशुनपुरा #सड़कसमस्या : संध्या गांव की पुलिया ढही—ग्रामीणों में रोष — मरीजों और छात्रों को हो रही है भारी परेशानी
- संध्या ग्राम की पुलिया टूटने से आवागमन पूरी तरह बाधित।
- संध्या, जतरोबंजारी, सेमरी, आदर, सुखनदी, बरडीहा समेत कई गांव प्रभावित।
- पुलिया लंबे समय से जर्जर, शिकायतों के बावजूद मरम्मत नहीं हुई।
- हालिया भारी बारिश से पुलिया का आधार कमजोर होकर ध्वस्त।
- मरीजों, छात्रों और किसानों को लंबे चक्कर लगाने की मजबूरी।
- ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का लगाया आरोप।
विशुनपुरा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले विशुनपुरा-बरडीहा मुख्य मार्ग पर स्थित संध्या ग्राम की पुलिया टूटने से पूरे इलाके की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। इस पुलिया के ध्वस्त होने से न केवल स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हुई है, बल्कि मरीजों, छात्रों और किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई गांवों का संपर्क टूटा, ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी
इस पुलिया के टूटने से संध्या, जतरोबंजारी, सेमरी, आदर, सुखनदी, बरडीहा समेत दर्जनों गांवों का संपर्क विशुनपुरा ब्लॉक मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। अब ग्रामीणों को ब्लॉक या बाजार जाने के लिए 10 से 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
बारिश बनी वजह, जर्जर पुलिया आखिरकार ध्वस्त
ग्रामीणों के अनुसार, यह पुलिया वर्षों से जर्जर अवस्था में थी। लगातार शिकायतों के बावजूद न तो जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने इसे मरम्मत कराया। बीते दिनों हुई भारी बारिश ने पुलिया के नीचे की मिट्टी को बहा दिया, जिससे उसका आधार कमजोर हो गया और पुलिया अचानक ढह गई।
मरीजों और बच्चों की राह में रोड़ा
इस मार्ग से रोजाना सैकड़ों लोग ब्लॉक, बाजार और स्कूल-कॉलेज के लिए आते-जाते थे। पुलिया के टूटने से मरीजों को अस्पताल पहुंचाना कठिन हो गया है, वहीं बच्चों को स्कूल पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है।
जनप्रतिनिधियों पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में विकास कार्य केवल कागजों पर होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से पूरी तरह बेखबर हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पुलिया का निर्माण कार्य तुरंत शुरू किया जाए, ताकि आवागमन फिर से बहाल हो सके।

न्यूज़ देखो: टूटी पुलिया, टूटी उम्मीदें
यह घटना एक बार फिर बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है। पुलिया ध्वस्त होने से न सिर्फ यातायात ठप हुआ, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा पर भी सीधा असर पड़ा। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अब केवल कागजों पर नहीं, जमीन पर कार्रवाई करनी होगी।
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