
#गिरिडीह #साइबर_अपराध : उसरी नदी पुल के पास झाड़ी में बैठकर मोबाइल से कर रहे थे UPI फ्रॉड, पुलिस की त्वरित कार्रवाई
- पुलिस अधीक्षक गिरिडीह को प्रतिबिम्ब पोर्टल से मिली थी साइबर ठगी की गुप्त सूचना।
- उसरी नदी पुल, ताराटांड़ मुख्य सड़क के पास झाड़ी में सक्रिय थे साइबर अपराधी।
- डीएसपी साइबर क्राइम आबिद खाँ के नेतृत्व में गठित टीम ने की छापामारी।
- दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, 02 मोबाइल, 08 सिम कार्ड और 01 मोटरसाइकिल बरामद।
- फोनपे और गूगल पे के जरिए लोगों को झांसे में लेकर करते थे ठगी।
- Lotus Ne ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से ठगी की राशि निकालते थे।
गिरिडीह जिले में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दिनांक 17.12.2025 को पुलिस अधीक्षक, गिरिडीह को प्रतिबिम्ब पोर्टल के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि ताराटांड़ जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित उसरी नदी पुल के पास कुछ साइबर अपराधी झाड़ी में बैठकर मोबाइल फोन के जरिए आम लोगों से ठगी कर रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
डीएसपी साइबर क्राइम के नेतृत्व में गठित हुई छापामारी टीम
प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस उपाधीक्षक, साइबर क्राइम गिरिडीह आबिद खाँ के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल का गठन किया गया। टीम ने बिना देर किए बताए गए स्थान पर दबिश दी। छापामारी के दौरान मौके से दो साइबर अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया, जो मोबाइल फोन के माध्यम से ठगी की गतिविधियों में संलिप्त थे।
पुलिस की त्वरित और सटीक कार्रवाई से इलाके में सक्रिय साइबर ठगों के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
ऐसे करते थे UPI के जरिए ठगी
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ के दौरान अपने स्वीकारोक्ति बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वे—
- फोनपे और गूगल पे पर रेंडम मोबाइल नंबर डालते थे।
- उन नंबरों से UPI से लिंक बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करते थे।
- इसके बाद संबंधित नंबर पर कॉल कर खुद को किसी कंपनी या सेवा प्रदाता का प्रतिनिधि बताकर लोगों को झांसे में लेते थे।
- ठगी के बाद प्राप्त रकम को Lotus Ne नामक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए अपने खातों में विड्रॉल कर लेते थे।
इस तरीके से वे लगातार अलग-अलग लोगों को निशाना बनाकर ठगी कर रहे थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों की पहचान इस प्रकार की गई है—
- रोहित कुमार शर्मा – उम्र: लगभग 19 वर्ष, पिता का नाम: किशोरी ठाकुर
- रंजीत कुमार यादव – उम्र: लगभग 26 वर्ष, पिता का नाम: हरिहर यादव
दोनों अभियुक्त ग्राम प्रतापपुर, थाना जमुआ, जिला गिरिडीह के निवासी हैं।
बरामद सामान
छापामारी के दौरान पुलिस ने अभियुक्तों के पास से साइबर ठगी में प्रयुक्त कई अहम सामग्री बरामद की है, जिनमें— 02 मोबाइल फोन, 08 सिम कार्ड, 01 मोटरसाइकिल शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर साइबर ठगी के लिए किया जा रहा था।

साइबर थाना में दर्ज हुआ मामला
इस पूरे मामले को लेकर साइबर थाना कांड संख्या 41/2025, दिनांक 17.12.2025 को दर्ज किया गया है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ जारी है और इस बात की भी जांच की जा रही है कि इनके तार किसी बड़े साइबर गिरोह से तो नहीं जुड़े हैं।
छापामारी दल में ये अधिकारी रहे शामिल
इस सफल कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में— पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम – आबिद खाँ, साइबर थाना प्रभारी – पु०नि० रामेश्वर भगत, पु०नि० चन्द्रनाथ उराँव, पु०नि० दिनेश कुमार, स०अ०नि० गजेंद्र कुमार, ह० तेजनरायण प्रसाद, आ० 48 धनश्याम पिगुआ, आ० 798 हकिमुद्दीन अंसारी शामिल थे। सभी अधिकारियों की सतर्कता और समन्वय से यह कार्रवाई सफल हो सकी।
साइबर अपराध को लेकर पुलिस की सख्ती
गिरिडीह पुलिस लगातार साइबर अपराध के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आम लोगों को अनजान कॉल, संदिग्ध लिंक और UPI से जुड़ी किसी भी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार की साइबर ठगी की आशंका होने पर तुरंत साइबर थाना या संबंधित पोर्टल पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

न्यूज़ देखो: साइबर अपराध पर कड़ा प्रहार
उसरी नदी पुल के पास झाड़ियों में बैठकर ठगी कर रहे साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि पुलिस अब तकनीकी अपराधों पर भी पूरी नजर बनाए हुए है। आम जनता की सतर्कता और पुलिस की तत्परता से ही ऐसे अपराधों पर रोक संभव है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
अनजान कॉल पर भरोसा न करें, अपनी बैंक और UPI जानकारी किसी से साझा न करें।
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