#सतबरवा #साइबर_क्राइम : तीन युवकों ने “फोन पे वॉइस अपडेट” के नाम पर किया फ्रॉड — पीड़ित दुकानदार का मोबाइल लेकर बैंक खाते से उड़ाए 80 हजार रुपये
- मेडिकल दुकानदार सुनील कुमार से तीन युवकों ने की ठगी, खुद को ‘फोन पे’ कर्मी बताया
- पहले ₹19 का ट्रांजैक्शन कर विश्वास में लिया, फिर मोबाइल में छेड़छाड़ की
- पीड़ित के एसबीआई अकाउंट से तीन बार में ₹80,000 निकाल लिए गए
- सतबरवा थाना और साइबर थाना मेदिनीनगर में दर्ज कराई गई शिकायत
- फोन पे अपडेट के नाम पर इलाके में सक्रिय हैं ठग, व्यापारी समुदाय में दहशत
सॉफ्टवेयर अपडेट के बहाने मोबाइल लिया और काट दिए हजारों
पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत मेला टांड़ में स्थित एक मेडिकल दुकान के संचालक सुनील कुमार शनिवार को साइबर ठगों के शिकार बन गए। घटना उस वक्त घटी जब तीन युवक उनकी दुकान पर पहुंचे और उनमें से एक ने पानी मांगा।
पानी देने के बाद एक युवक ने खुद को ‘फोन पे’ कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि वे एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम करते हैं जिससे वॉयस नोटिफिकेशन आएगा और कोई चार्ज भी नहीं कटेगा।
19 रुपये से शुरू हुआ फ्रॉड, फिर उड़ा दिए 80 हजार
विश्वास दिलाने के लिए पहले युवक ने ₹19 का ट्रांजैक्शन करवाया। इसके बाद सुनील कुमार से उनका मोबाइल मांगा और उसमें कुछ सेटिंग्स और एप्लिकेशन में बदलाव किया। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि अब से भुगतान पर वॉइस अलर्ट आएगा और किसी प्रकार का मासिक शुल्क नहीं लगेगा।
कुछ ही मिनटों में तीनों युवक चारपहिया वाहन में बैठकर मेदिनीनगर की ओर रवाना हो गए।
कुछ ही देर में उड़ गए खाते से पैसे
उनके जाने के कुछ समय बाद ही सुनील कुमार को एसबीआई खाता संख्या 31085410076 से तीन बार में 25-25 और 30 हजार, कुल ₹80,000 की कटौती का मैसेज आया। ठगी का अहसास होते ही उन्होंने सतबरवा थाना को सूचित किया और साइबर थाना, मेदिनीनगर में शिकायत दर्ज कराई।
सुनील कुमार ने कहा: “मैंने सोचा था कि वे असली ‘फोन पे’ कर्मचारी हैं। मैंने मोबाइल भी खुद उन्हें दिया। अब पूरे परिवार और व्यवसाय पर आर्थिक संकट आ गया है।”
क्षेत्र में बढ़ी चिंता, व्यापारी समुदाय सतर्क
घटना के बाद व्यापारियों में डर का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठग अब ‘फोन पे अपडेट’ के नाम पर दुकानदारों को निशाना बना रहे हैं। कई दुकानों पर ऐसे फर्जी प्रतिनिधियों ने संपर्क साधने की कोशिश की है।
सतबरवा पुलिस और साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। साइबर एक्सपर्ट्स ने कहा है कि मोबाइल को कभी भी अनजान व्यक्ति को न दें और कोई भी फर्जी तकनीकी अपडेट की बात करे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
न्यूज़ देखो: डिजिटल ठगी की नई चाल और लापरवाही की बड़ी कीमत
इस घटना ने एक बार फिर साइबर अपराधियों की चालबाज़ी और आम लोगों की लापरवाही को सामने रखा है। जब तक डिजिटल लेनदेन की जागरूकता नहीं बढ़ेगी, तब तक ऐसे अपराध रुकने मुश्किल हैं। प्रशासन को फील्ड स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्क नागरिक बनें, ठगी से बचें
इस खबर से यह स्पष्ट होता है कि तकनीक की सुविधा के साथ खतरे भी आते हैं। अपने मोबाइल और बैंक डिटेल्स की सुरक्षा स्वयं करें। आप भी इस समाचार को अपने व्यापारिक साथियों और परिवार के सदस्यों के साथ साझा करें और सजग नागरिक की भूमिका निभाएं।
कृपया कमेंट में बताएं — क्या आपके इलाके में भी ऐसी ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं?