
#गिरिडीह #CyberCrime : प्रतिबिम्ब पोर्टल से मिली सूचना पर बड़ी कार्रवाई — दो अपराधी गिरफ्तार, गैंग में और भी शामिल होने की आशंका
- गिरिडीह साइबर थाना ने की छापामारी, दो साइबर अपराधी गिरफ्तार।
- मनीष कुमार मंडल और मिथुन कुमार मंडल की पहचान हुई पक्की।
- फर्जी मोबाइल एप्लिकेशन से बैंक खाते खाली करने का था तरीका।
- 8 मोबाइल फोन और 9 सिम कार्ड पुलिस ने जब्त किए।
- कांड संख्या 27/2025 दर्ज, अन्य साथियों की तलाश जारी।
प्रतिबिम्ब पोर्टल से मिली गुप्त जानकारी ने खोला बड़ा साइबर जाल
गिरिडीह जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है, जिसके खुलासे में झारखंड पुलिस के प्रतिबिम्ब पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। गिरिडीह साइबर थाना की टीम ने इस गुप्त सूचना के आधार पर तत्काल छापेमारी करते हुए दो शातिर अपराधियों — मनीष कुमार मंडल और मिथुन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया है।
इन दोनों आरोपियों पर लोगों के मोबाइल में फर्जी एप्लिकेशन भेजकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ाने का आरोप है। ये एप्लिकेशन जैसे ही लोग इंस्टॉल करते थे, अपराधी उनके मोबाइल और बैंक डाटा तक पहुंच बना लेते थे और फिर उनके खातों से हजारों-लाखों रुपये निकाल लेते थे।
तकनीक का ग़लत इस्तेमाल, आम नागरिकों की जेब पर हमला
पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से 8 मोबाइल फोन और 9 सक्रिय सिम कार्ड जब्त किए हैं, जिनका उपयोग ये ठग ठगी के लिए करते थे। गिरिडीह साइबर थाना प्रभारी के अनुसार, इस गैंग का नेटवर्क और भी जिलों में फैला हो सकता है और आगे की जांच में कई और नाम सामने आ सकते हैं।
गिरिडीह साइबर थाना प्रभारी ने कहा: “यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है। हमारी टीम गैंग के बाकी सदस्यों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी में जुटी हुई है।”
आम जनता से सावधानी बरतने की अपील, जागरूकता ही है बचाव
इस मामले में साइबर थाना में कांड संख्या 27/2025 दर्ज कर ली गई है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी अज्ञात लिंक या एप्लिकेशन अपने मोबाइल में इंस्टॉल न करें और कोई भी बैंकिंग जानकारी किसी अनजान व्यक्ति या पोर्टल पर साझा न करें।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा: “साइबर अपराधी लगातार नए तरीके अपना रहे हैं। हमें तकनीकी समझ के साथ सतर्क रहना होगा।”

न्यूज़ देखो: तकनीक की आड़ में छल — अब और नहीं
गिरिडीह में साइबर ठगों की यह गिरफ्तारी बताती है कि अपराधी अब हथियार नहीं, तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में पुलिस की सतर्कता और प्रतिबिम्ब जैसे तकनीकी पोर्टल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण बन जाती है। जनता को भी अब अपनी डिजिटल सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी।
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तकनीक से जुड़े, पर सतर्क बने रहें — यही है स्मार्ट नागरिकता
अब समय है कि सभी नागरिक साइबर सुरक्षा को लेकर सजग रहें। अपने परिवार, दोस्तों को भी जागरूक करें, यह खबर साझा करें और नीचे टिप्पणी में बताएं — क्या आपने भी कभी किसी फर्जी लिंक या कॉल का सामना किया है?