#डाल्टनगंज #निजीक्लिनिक_विवाद : टुकबेरा के अजीत चंद्रवंशी का एक्सीडेंट के बाद इलाज नहीं, सिर्फ वसूली — सुधीर चंद्रवंशी की पहल से मेडिका फर्स्ट में मिला बेहतर इलाज
- डाल्टनगंज के प्राइवेट क्लिनिक में घायल को बिना इलाज एक दिन रोका गया
- ₹50,000 से ज्यादा वसूलने के बावजूद पैर कटवाने की नौबत आ गई
- सुधीर चंद्रवंशी ने तत्काल रांची ले जाकर कराया बेहतर इलाज
- डॉ विशाल कुमार की टीम ने मरीज का सफल इलाज किया, अब स्थिति नियंत्रण में
- सरकारी अस्पतालों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जन-अभियान की घोषणा
राहुल अग्रवाल क्लिनिक में पैसे की मांग, इलाज नदारद
टुकबेरा गांव के अजीत कुमार चंद्रवंशी का हाल ही में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें डाल्टनगंज स्थित राहुल अग्रवाल के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज के नाम पर ₹50,000 से अधिक वसूले गए, लेकिन कोई इलाज नहीं हुआ। हालत इतनी बिगड़ गई कि डॉक्टर ने पैर काटने की बात कह दी।
सुधीर चंद्रवंशी ने संभाली कमान, रांची ले जाकर कराया इलाज
जैसे ही मामले की जानकारी विश्रामपुर विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी को मिली, उन्होंने तुरंत पहल की और परिजनों को निर्देश दिया कि—
“जितना जल्दी हो सके रांची आइए, मैं मदद करूंगा।”
रांची में डॉ एस. एन. यादव ने जांच कर बताया कि इलाज में देर हो चुकी है, पैर कटने की आशंका है।
तब सुधीर चंद्रवंशी ने तुरंत मेडिका फर्स्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर विशाल कुमार से संपर्क किया, और वहां भर्ती कराया।
डॉ विशाल कुमार की टीम ने रात-दिन मेहनत कर इलाज शुरू किया। अब मरीज की स्थिति नियंत्रण में है और पैर बचने की संभावना प्रबल है।
जन-जागरूकता अभियान की घोषणा
इस घटना के बाद सुधीर चंद्रवंशी ने घोषणा की कि अब वे एक जन-जागरूकता अभियान शुरू करेंगे, जिसमें—
- गांव-गांव जाकर लोगों को सरकारी अस्पतालों के प्रति विश्वास जगाया जाएगा
- प्राइवेट क्लिनिक की लूट और लापरवाही के विरुद्ध लोगों को आगाह किया जाएगा
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी द्वारा किए जा रहे सुधारों की जानकारी दी जाएगी
“ऐसे क्लिनिक जो मरीजों की जान से खेलते हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमें सरकारी अस्पतालों में भरोसा लौटाना है।” — सुधीर चंद्रवंशी
प्रशासन को दिशा-निर्देश
सुधीर चंद्रवंशी ने बताया कि सभी सिविल सर्जन, अस्पताल अधीक्षक और चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है कि—
- गरीबों, वंचितों को बिना भेदभाव बेहतर इलाज मिले
- किसी मरीज को प्राइवेट क्लिनिक की लूट का शिकार न बनना पड़े
न्यूज़ देखो: जब नेता नहीं, सेवक बनकर खड़े होते हैं साथ
अजीत चंद्रवंशी के साथ जो हुआ, वह हमारे स्वास्थ्य तंत्र के लिए शर्मनाक था। निजी क्लिनिक की लालच में एक युवक की जान चली जाती, अगर समय पर सुधीर चंद्रवंशी ने मोर्चा नहीं संभाला होता।
न्यूज़ देखो इस प्रयास की सराहना करता है और मांग करता है कि ऐसे लालची क्लिनिकों पर कानूनी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी और की जान ना जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
लोगों का साथ ही सबसे बड़ी शक्ति
यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर ऐसे शोषण के खिलाफ खड़े हों। सरकारी सुविधाओं पर भरोसा करें और उन्हें मजबूत बनाने में भागीदार बनें।
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