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डाल्टनगंज: बेलवाटिकर चौक पर शराब की दुकान खोलने के खिलाफ उबाल, शर्मिला वर्मा के नेतृत्व में कल बड़ा प्रदर्शन

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#डाल्टनगंज #विरोध : बेलवाटिकर चौक पर महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बढ़ती भागीदारी
  • बेलवाटिकर चौक पर शराब की दुकान के खिलाफ लोगों का गुस्सा।
  • शर्मिला वर्मा के नेतृत्व में कल बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन।
  • महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से आंदोलन को बल।
  • प्रदर्शनकारियों ने कहा शांति और सुरक्षा पर खतरा है यह दुकान।
  • प्रशासन पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत जिला मुख्यालय तक मार्च।

डाल्टनगंज के बेलवाटिकर चौक पर शराब की दुकान खोले जाने के खिलाफ स्थानीय निवासियों का गुस्सा अब आंदोलन में बदलने जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिला वर्मा ने ऐलान किया है कि कल उनके नेतृत्व में बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा।

शराब की दुकान पर महिलाओं का विरोध

रिहायशी इलाके में शराब की दुकान को लेकर सबसे अधिक विरोध महिलाओं की ओर से सामने आ रहा है। उनका कहना है कि यह कदम इलाके की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। बच्चों और युवाओं के भविष्य पर इसके नकारात्मक असर को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।

शर्मिला वर्मा का कड़ा रुख

शर्मिला वर्मा ने साफ कहा है कि रिहायशी इलाके में किसी भी हाल में शराब की दुकान बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शर्मिला वर्मा: “प्रशासन को या तो दुकान बंद करनी होगी, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा।”

उनके नेतृत्व में महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता पहले से ही तैयारी में जुटे हैं। कल का विरोध बेलवाटिकर चौक से शुरू होकर जिला मुख्यालय तक जाने की योजना के तहत होगा, जिसमें धरना और नारेबाजी भी शामिल है।

आंदोलन को नई दिशा

सूत्रों के अनुसार, इस विरोध में युवाओं और सामाजिक संगठनों की भी सक्रिय भागीदारी होगी। स्थानीय लोग मानते हैं कि शर्मिला वर्मा जैसे सक्रिय कार्यकर्ताओं के जुड़ने से आंदोलन अधिक संगठित और प्रभावी होगा। उनका कहना है कि यदि अभी आवाज बुलंद नहीं की गई, तो भविष्य में इलाके का माहौल बिगड़ना तय है।

प्रशासन के लिए चुनौती

जिला प्रशासन के लिए यह स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। अभी तक अधिकारियों की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। कल का प्रदर्शन प्रशासन पर सीधा दबाव बनाएगा और इस मामले में तेजी से निर्णय लेने को मजबूर कर सकता है।

न्यूज़ देखो: सामाजिक प्रतिरोध की ताकत

यह विरोध बताता है कि जब स्थानीय जनता एकजुट होकर खड़ी होती है, तो किसी भी फैसले को बदलने की ताकत रखती है। रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें समाज के लिए खतरा हैं और उनका विरोध करना सामाजिक जिम्मेदारी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब जनता की आवाज होगी निर्णायक

अब समय है कि हम सब मिलकर सही और सुरक्षित समाज के लिए आवाज उठाएं। ऐसे आंदोलनों में भागीदारी करके हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।

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