गढ़वा जिले में कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी के सचिव विकास कुमार माली ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया है। उक्त जानकारी शहर के कचहरी रोड स्थित होटल विकास इन में दिया। इस दौरान सचिव विकास कुमार माली ने कहा कि आगामी 1 मार्च 2025 को दानरो नदी के तट पर 251 कन्याओं के सामूहिक विवाह के आयोजन किया जाएगा।
यह विवाह समारोह हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न होगा।
हिंदू कन्याओं का विवाह पारंपरिक हिंदू संस्कारों से और मुस्लिम कन्याओं का विवाह इस्लामी विधि-विधान के तहत कराया जाएगा।
अब तक 14,000 कन्याओं की शादी
विकास कुमार माली ने बताया कि उनकी संस्था ने अब तक 14,000 से अधिक असहाय, गरीब और अनाथ कन्याओं का विवाह कराया है। उन्होंने यह कार्य झारखंड के गढ़वा, बिहार के पटना, भागलपुर और अन्य राज्यों में किया है। उनकी संस्था समाज के उन वर्गों की मदद के लिए समर्पित है, जो दहेज प्रथा और गरीबी के कारण अपनी बेटियों की शादी करने में असमर्थ होते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी सामूहिक विवाह का आयोजन एक भव्य समारोह के रूप में होगा। इसमें स्थानीय प्रशासन, समाजसेवियों और शुभचिंतकों का सहयोग लिया जाएगा।
दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान
विकास माली ने कहा कि कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी सिर्फ विवाह कराने तक सीमित नहीं है। यह संस्था दहेज प्रथा, बाल विवाह और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए भी काम कर रही है। इसके अलावा, संस्था गरीब और अनाथ बहनों को शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मार्गदर्शन देती है।
2023 में 151 कन्याओं का विवाह
इससे पहले, वर्ष 2023 में संस्था ने 151 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया था, जो पूरी तरह सफल रहा। उस आयोजन में दूर-दराज के इलाकों से असहाय कन्याओं और उनके परिजनों को शामिल किया गया था।
संस्था से जुड़ने की अपील
विकास माली ने समाज के लोगों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में मौजूद ऐसी कन्याओं को संस्था से पंजीकृत कराएं, जो विवाह योग्य हैं लेकिन संसाधनों के अभाव में उनका विवाह नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बेटी अपने जीवनसाथी के सपने को पूरा करने से वंचित न रहे।“
भव्य आयोजन की तैयारी
आगामी कार्यक्रम के लिए दानरो नदी पर तैयारियां जल्द शुरू होगा। यह आयोजन न केवल सामाजिक एकजुटता का उदाहरण होगा, बल्कि गरीब और असहाय परिवारों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा। कार्यक्रम में कई सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल होने की संभावना है।