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रेलवे कॉलोनी में डे परिवार द्वारा लगातार 15वें वर्ष गणेश पूजा महोत्सव का आयोजन

#बरवाडीह #गणेशोत्सव : तीन दिवसीय भक्ति महोत्सव में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बरवाडीह। गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार भी बरवाडीह में श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया। प्रखंड मुख्यालय, रेलवे कॉलोनी, बाजार और छिपादोहर क्षेत्र में गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की स्थापना कर पूजा-अर्चना की गई। इनमें रेलवे कॉलोनी का गणेशोत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जहां डे परिवार ने लगातार 15वें वर्ष गणेश पूजा महोत्सव का आयोजन किया।

भव्य पंडाल और विधिवत पूजा-अर्चना

रेलवे कॉलोनी में बने भव्य पंडाल में गणपति प्रतिमा की स्थापना की गई। पुजारी मृत्युंजय मिश्रा (बबलू) ने पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना संपन्न कराई। इस अवसर पर परिवार के सदस्यों के साथ जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, सेवानिवृत्त वरीय अभियंता विवेकानंद बसु, ईसीआरकेयू के कार्यकारी अध्यक्ष चंदन कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

तीन दिवसीय आयोजन में भक्ति और संस्कृति का संगम

इस बार का आयोजन तीन दिवसीय रखा गया। पहले दिन पूजा-अर्चना के बाद भंडारा और रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। गुरुवार की रात विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों द्वारा भक्ति जागरण प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं शुक्रवार को पूरे विधि-विधान से प्रतिमा विसर्जन संपन्न होगा।

महिला समिति की भागीदारी

रेलवे कॉलोनी में महिला समिति अध्यक्ष रेखा पाठक के नेतृत्व में भी गणपति पूजा का आयोजन किया गया। पूजा-अर्चना के बाद महाप्रसाद का वितरण हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

पूरे महोत्सव में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्ति और उल्लास के माहौल में हर कोई गणपति बप्पा के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए आतुर दिखा। आयोजन में बशु डे, श्यामली डे, मणिसंकर डे, पायल डे, संजय, विवेकानंद बाशु, अर्पिता बाशु, भोला, गोपाल, उत्तम, डॉली, आदित्य, तनुश्री, गीता, शिखा, माहुली, सुदीप, सुनील, धीरू, शिल्पी, मुनमुन, कोयल, बैस्वी, उमा, तीनि, सुभाषीस, सपना दास, टिया, शीताराम, सरवान समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

न्यूज़ देखो: परंपरा और सामाजिक एकजुटता का अद्भुत संगम

रेलवे कॉलोनी का यह गणेशोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पारिवारिक परंपरा, सामाजिक सहयोग और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूती देता है। डे परिवार द्वारा लगातार 15 वर्षों से जारी यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है परंपराओं को संजोने और समाज को जोड़ने का

गणेशोत्सव जैसे पर्व हमें यह सिखाते हैं कि भक्ति, संस्कृति और एकता हमारे जीवन की असली ताकत हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर ऐसी परंपराओं को जीवित रखें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि सामाजिक एकता और मजबूत हो।

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