Giridih

गिरिडीह में पर्यावरण संरक्षण को लेकर डीसी ने दिए सख्त निर्देश — अवैध खनन से लेकर नदी प्रदूषण तक पर होगी कार्रवाई

Join News देखो WhatsApp Channel
#गिरिडीह #पर्यावरणसमीक्षा : जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव ने उसरी नदी संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और औद्योगिक निगरानी पर अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
  • उपायुक्त ने अवैध बालू खनन, स्टोन माइंस और क्रशर संचालन पर सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
  • उसरी नदी की सफाई और संरक्षण हेतु CSR फंड के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई
  • कारखानों में ESP मशीन इंस्टॉल करना अनिवार्य किया गया
  • शहर के नालों का जल फिल्टर कर ही नदी में प्रवाहित करने के निर्देश
  • हॉस्पिटल व नर्सिंग होम को CTO लेना अनिवार्य, कचरा निस्तारण समय पर सुनिश्चित करने को कहा गया

पर्यावरण समिति की बैठक में उठे अहम मुद्दे

गुरुवार को समाहरणालय सभागार, गिरिडीह में जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त-सह-अध्यक्ष रामनिवास यादव ने की। बैठक में पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा के साथ कई नए अहम निर्णय लिए गए। पर्यावरण संरक्षण, औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण और अवैध खनन पर विशेष फोकस रहा।

अवैध खनन और स्टोन क्रशरों पर सख्त नजर

बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध बालू खनन, डंपिंग, स्टोन माइंस और क्रशर संचालन की गहन जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। जिले में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत करने को कहा गया।

उसरी नदी के संरक्षण पर मिला जोर

उसरी नदी की सफाई और संरक्षण को लेकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में CSR फंड से प्राप्त राशि के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारी से अपडेट लेते हुए नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में तेज़ी से कार्य करने के निर्देश दिए।

उद्योगों पर सख्ती, प्रदूषण नियंत्रण के निर्देश

जिले में संचालित सभी औद्योगिक इकाइयों में ESP (इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर) मशीन लगाना अनिवार्य किया गया। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि कारखानों से निकलने वाले धुएं, अपशिष्ट, दूषित जल और प्रदूषण मानकों का सख्ती से अनुपालन हो। औद्योगिक परिसरों में पौधारोपण को भी अनिवार्य किया गया।

गंदे नालों और अस्पतालों पर भी विशेष निर्देश

शहरी नालों की सफाई और उनके जल को फिल्टर करने के बाद ही नदी में छोड़ने का निर्देश दिया गया। साथ ही, शहर के निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पतालों को CTO (Consent to Operate) अनिवार्य रूप से लेना होगा। इन संस्थानों से निकलने वाले कचरे का समय पर वैज्ञानिक निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा गया।

जागरूकता और निगरानी के लिए तकनीकी उपाय

बैठक में Air Quality Index (AQI) डिस्प्ले स्क्रीन शहर में लगाने और कारखानों के प्रदूषण स्तर की निगरानी के निर्देश भी दिए गए। यह निर्णय नागरिकों को प्रदूषण की जानकारी देने और प्रशासनिक निगरानी मजबूत करने के लिए लिया गया है।

व्यापक प्रतिनिधित्व के साथ हुई बैठक

बैठक में पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और सीसीएल, लघु सिंचाई विभाग, फैक्टरी इंस्पेक्टर समेत जिले के सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: पर्यावरण के प्रहरी बने जिला प्रशासन

गिरिडीह में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रशासन की सख्त नीति और जमीनी समीक्षा ने उम्मीदें जगाई हैं। औद्योगिक इकाइयों से लेकर नदियों और नालों तक की निगरानी अब और सख्त होगी। न्यूज़ देखो प्रशासन की इस संकल्पबद्धता को सराहता है और उम्मीद करता है कि गिरिडीह को एक स्वच्छ, हरित और प्रदूषण मुक्त जिला बनाने की दिशा में यह कदम निर्णायक साबित होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पर्यावरण की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। अपनी भागीदारी निभाएं, सफाई और जागरूकता को जीवन का हिस्सा बनाएं। इस खबर को जरूर शेयर करें और अपने विचार कमेंट में बताएं।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

Related News

Back to top button
error: