
#पलामू #विकास_समीक्षा : एनएच 75 सहित सड़क निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा, सुस्ती पर डीसी ने जताई नाराजगी
- उपायुक्त समीरा एस ने एनएच 75, फोरलेन, आरओआर और आरओबी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की।
- भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान में सुस्ती पर डीसी ने जताई नाराजगी।
- भू-अर्जन पदाधिकारी को चेतावनी, कहा – “कार्य में तेजी लाएं अन्यथा कार्रवाई तय।”
- लिपिकों का अक्टूबर माह का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया।
- 60 करोड़ रुपये से अधिक मुआवजा राशि अब भी अवॉर्डियों को दी जानी बाकी।
पलामू जिला मुख्यालय स्थित एनआईसी सभागार में मंगलवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस की अध्यक्षता में एनएच 75, फोरलेन पथ निर्माण, आर.ओ.आर, आर.ओ.बी एवं अन्य सड़क निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में एनएचएआई परियोजनाओं से जुड़े भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
डीसी ने धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पिछले तीन माह में परियोजना कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी है। उन्होंने कार्य में सुस्ती और लापरवाही पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को सख्त चेतावनी दी और जल्द सुधार लाने का निर्देश दिया।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “यदि निर्धारित समयसीमा में कार्य में सुधार नहीं दिखेगा, तो प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।”
इसके साथ ही उपायुक्त ने भू-अर्जन कार्यालय के लिपिकों का अक्टूबर माह का वेतन स्थगित रखने का आदेश दिया। उन्होंने यह कदम कार्य में गंभीरता लाने के उद्देश्य से उठाया।
भू-अर्जन प्रक्रिया में देरी पर समीक्षा
समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने भोगु से शंखा तक सेक्शन 111 के तहत भू-अर्जन की स्थिति की जानकारी ली।
बताया गया कि सदर अंचल में 60 से अधिक, नवाबजार में 100 से अधिक और विश्रामपुर में 20 से अधिक एलपीसी पेंडिंग हैं।
डीसी ने इस पर असंतोष जताते हुए कहा कि सभी लंबित एलपीसी को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए ताकि परियोजना में कोई बाधा न आए।
बैठक में यह भी बताया गया कि विभिन्न अंचलों में 60 करोड़ रुपये से अधिक मुआवजा राशि अब भी अवॉर्डियों को दी जानी बाकी है।
डीसी ने संबंधित सीओ और भू-अर्जन पदाधिकारी को आपसी समन्वय से कार्य में तेजी लाने और सभी पात्र रैयतों को समय पर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सीओ को सौंपी सख्त जिम्मेदारी
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों की प्रगति पर उच्च अधिकारियों की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है, ऐसे में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “प्रत्येक सीओ यह सुनिश्चित करें कि उनके अंचल में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया में कोई बाधा न हो। यदि किसी सीओ की लापरवाही से कार्य प्रभावित होता है, तो उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
उपायुक्त समीरा एस ने कहा: “सभी अंचलाधिकारी रैयतों से संवाद स्थापित करें और विवाद रहित भू-अर्जन प्रक्रिया सुनिश्चित करें। यह विकास की गति बनाए रखने के लिए अनिवार्य है।”
डीसी ने यह भी निर्देश दिया कि एलए कोर्ट योग्य मामलों की कार्रवाई नियमानुसार जल्द पूरी की जाए ताकि किसी भी परियोजना में देरी न हो।
प्रशासनिक टीम की उपस्थिति
इस बैठक में अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विजय केरकेट्टा, हुसैनाबाद भूमि सुधार उप समाहर्ता, तथा सभी संबंधित अंचल अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि यह परियोजनाएँ राज्य की प्रमुख विकास योजनाओं में शामिल हैं, अतः इनमें शत-प्रतिशत योगदान सुनिश्चित किया जाए।
न्यूज़ देखो: विकास परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने का संदेश
पलामू में उपायुक्त समीरा एस की सख्त मॉनिटरिंग इस बात का संकेत है कि झारखंड प्रशासन अब विकास परियोजनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं करेगा।
सड़क और फोरलेन जैसी परियोजनाएँ न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाती हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती हैं।
प्रशासन द्वारा की जा रही इस सतर्क समीक्षा से उम्मीद की जा रही है कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में तेजी आएगी और परियोजनाएँ समय पर पूरी होंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनहित के कार्यों में गति जरूरी
विकास तभी संभव है जब प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता दोनों हो।
पलामू की यह बैठक हमें याद दिलाती है कि हर देरी जनता के हित में रुकावट बनती है।
अब समय है कि सभी अधिकारी, कर्मचारी और रैयत मिलकर विकास की इस प्रक्रिया को गति दें।
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