
#सिमडेगा #विश्वबालिकादिवस : उपायुक्त कंचन सिंह ने जिले की सभी शेरनी बालिकाओं को दी बधाई और शुभकामनाएं
- उपायुक्त कंचन सिंह ने विश्व बालिका दिवस पर सिमडेगा की सभी बेटियों को शुभकामनाएं दीं।
- विनीता होरो ने भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम में शामिल होकर किया जिले का नाम रोशन।
- सिमडेगा की बेटियां देश और दुनिया में हॉकी की दुनिया में बिखेर रही हैं अपना जलवा।
- सलीमा टेटे ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनकर दिलाया देश को गर्व।
- अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बेटियों ने बनाया सिमडेगा को हॉकी की नर्सरी।
विश्व बालिका दिवस के अवसर पर सिमडेगा उपायुक्त कंचन सिंह ने जिले का नाम रोशन करने वाली सभी बेटियों और संघर्षशील बालिकाओं को जिला प्रशासन की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दीं। उन्होंने कहा कि सिमडेगा की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा से न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य और देश का नाम ऊंचा कर रही हैं।
सिमडेगा की शेरनियों ने बढ़ाया जिले का गौरव
सिमडेगा जिले की धरती हमेशा से बेटियों की प्रतिभा की जननी रही है। यहां की बेटियां कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार कर रही हैं। बानो प्रखंड के लोवसुकरा गांव की विनीता होरो ने भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम में जगह बनाकर पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। वह इन दिनों किर्गिस्तान में चल रहे एशिया कप क्वालीफायर मैच में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और गुमला आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
हॉकी में सिमडेगा की बेटियां रच रही हैं इतिहास
सिमडेगा आज हॉकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध है और इसका श्रेय यहां की बेटियों को जाता है। सलीमा टेटे ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनकर न केवल देश बल्कि सिमडेगा को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। उनके साथ ब्यूटी डुंगडुंग, संगीता कुमारी, रजनी टोप्पो, सुषमा कुमारी, सुमराय टेटे, अंसुता लकड़ा, अलका डुंगडुंग, कांति बाः, एडलिन केरकेट्टा, मसीरा सुरीन, प्रीति सुनिला किड़ो, अनिता शोषण बेक, मरीता तिर्की, पुष्पा प्रधान, एनोसेंट कुल्लू, अनिमा सोरेंग, प्रिया डुंगडुंग, अंशु लकड़ा, रजनी सोरेंग, संगीता कुमारी, रोपनी कुमारी, दीपिका सोरेंग, दीप्ति कुल्लू, विभा केरकेट्टा, सीमा कुमारी, अल्फा केरकेट्टा, अलबिना तिर्की, मकसीमा एक्का, सुशीला लकड़ा, पिंकी एक्का, रंजीता मिंज, सुशीला मिंज, आशा बाः, बसंती जोजो, अस्त्रिता लकड़ा, लोलेंती मिंज जैसी कई बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी छाप छोड़ चुकी हैं।
उपायुक्त ने बेटियों की सफलता को बताया सिमडेगा का गौरव
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि सिमडेगा की बेटियां आज प्रेरणा की मिसाल बन चुकी हैं। खेल, शिक्षा, और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान से न केवल जिले की पहचान बनी है बल्कि समाज में बेटियों के सम्मान की भावना भी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा कि बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए सभी अवसर और संसाधन उपलब्ध हों।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “सिमडेगा की बेटियां हमारे जिले का अभिमान हैं। इनकी मेहनत, लगन और संघर्ष भावना सभी के लिए प्रेरणादायक है। जिला प्रशासन हमेशा इनकी सफलता के साथ खड़ा रहेगा।”

न्यूज़ देखो: बेटियों की सफलता सिमडेगा की असली पहचान
सिमडेगा की बेटियों ने यह साबित किया है कि संसाधनों की कमी कभी बाधा नहीं बन सकती, यदि संकल्प मजबूत हो। आज जब ये बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन कर रही हैं, तो यह पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है। ज़रूरत है कि समाज इनकी कहानियों को जाने और प्रेरणा ले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बेटियां हैं भविष्य की शक्ति
विश्व बालिका दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि बेटियों के सपनों को संवारने की प्रेरणा है। आइए हम सब मिलकर उनके लिए समान अवसर, सम्मान और सुरक्षा का माहौल बनाएं ताकि हर बेटी निडर होकर आगे बढ़ सके। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और सिमडेगा की बेटियों की प्रेरणादायक कहानी को हर घर तक पहुँचाएं।