#Garhwa #PublicDistribution : जन वितरण प्रणाली डीलरों ने रखी अपनी समस्याएं, बकाया भुगतान और सुविधाओं की मांग
- डीलर संघ ने 9 सूत्री मांगपत्र विधायक अनंत प्रताप देव को सौंपा।
- दिसंबर 2024 से अगस्त 2025 तक बकाया कमीशन भुगतान की मांग।
- Covid-19 काल के दौरान PMGKAY योजना की बकाया राशि अब तक लंबित।
- 2G ई-पॉस मशीनों को 5G मशीनों से बदलने और रिपेयरिंग सुविधा की मांग।
- कमीशन दर 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव।
गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड कार्यालय परिसर में बुधवार को हुए साइकल वितरण कार्यक्रम के दौरान एक और बड़ा मुद्दा सामने आया। फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन, विशुनपुरा इकाई ने क्षेत्रीय विधायक अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा को 9 सूत्री मांगपत्र सौंपा। इसमें जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानदारों के बकाया कमीशन भुगतान और अन्य सुविधाओं से जुड़ी मांगें शामिल थीं।
बकाया कमीशन भुगतान पर जोर
मांगपत्र के अनुसार, डीलरों का कमीशन दिसंबर 2024 से अगस्त 2025 तक बकाया है। यह राशि केंद्र सरकार की NPSA योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण से जुड़ी है। इसके अलावा, राज्य सरकार की JFSA योजना, ग्रीन कार्ड धारकों को वितरण, चना दाल और नमक वितरण का कमीशन भी लंबे समय से नहीं मिला है।
कोविड-19 काल की राशि भी लंबित
संघ ने बताया कि Covid-19 महामारी के दौरान वर्ष 2020-21 और 2021-22 में PMGKAY के तहत हुए राशन वितरण का कमीशन लगभग 14 माह से बकाया है।
तकनीकी सुविधाओं की मांग
डीलरों ने मांग की कि सभी दुकानों में राज्य सरकार द्वारा दी गई ई-पॉस मशीन और वजन मशीनों की रिपेयरिंग मुफ्त कराई जाए। साथ ही, पुरानी 2G नेटवर्क वाली मशीनों के स्थान पर 5G मशीनें अविलंब उपलब्ध कराई जाएं।
मानदेय और कमीशन बढ़ाने की मांग
मांगपत्र में यह भी कहा गया है कि कमीशन दर को 150 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 300 रुपये किया जाए। इसके अलावा, अन्य राज्यों की तर्ज पर मानदेय या प्रोत्साहन राशि (30,000 रुपये या 10,000 रुपये) देने की भी मांग की गई।
स्वास्थ्य सुविधा की मांग
संघ ने यह भी आग्रह किया कि डीलरों और उनके परिवारों को राज्य सरकार द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाए, जिससे उनका सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ सके।
संघ के प्रतिनिधि शिवबचन प्रसाद यादव ने कहा: “बकाया कमीशन के बिना डीलरों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। सरकार को हमारी मांगों पर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।”
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यह मांगपत्र इस बात को उजागर करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का आधार स्तंभ माने जाने वाले डीलर आज भी लंबित भुगतानों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो योजनाओं के लाभार्थियों तक सेवा प्रभावित हो सकती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक के रूप में हमें भी इन मुद्दों पर जागरूक रहना चाहिए।
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